त्योहारों पर लगता था मेला, कोरोना काल में स्टेशन रह गया अकेला
- इससे रेलवे बोर्ड की नजरअंदाज जी कहें या कोरोना काल में पटरी से उतरी ट्रेनों के संचालन की खामी का नाम दें. कोरोनावायरस पहले जहां मेरठ जंक्शन पर त्योहारी मौसम में यात्रियों के साथ साथ ट्रेनों का मेला सा लगा रहता था वही इन दिनों स्टेशन ट्रेन और यात्रियों के बिना अकेला दिखाई दे रहा है.
मेरठ . बताते चलें कि कोरोना काल से पहले मेरठ सिटी के रेलवे स्टेशन पर 80 से अधिक ट्रेनों का ठहरा हुआ करता था. कोरोनावायरस बाद अनलॉक डाउन के दौर में अब इस स्टेशन पर मुट्ठी भर ही ट्रेन है संचालित की जा रही हैं. व्यापारिक एवं प्रशासनिक कामकाज के लिए मुफीद ट्रेनों का संचालन इस स्टेशन पर पिछले 7 माह से बंद है. इन दिनों इन स्टेशन पर गिनती की चलने वाली विशेष ट्रेनों का आवागमन हो रहा है. पैसेंजर और मेमू ट्रेन भी दिल्ली और मेरठ के बीच संचालित नहीं हो रही है इससे नियमित यात्री भी इस स्टेशन से दूरी बनाए हुए हैं.
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व्यापारिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से उपयोगी नौचंदी और संगम एक्सप्रेस भी इन दिनों बंद है. बुधवार को मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन का हाल जाना गया तो यहां यात्री के नाम पर कोई भी नजर नहीं आया. स्टेशन पर केवल रेलवे के कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी ही दिखाई दिए. ट्रेनों के ठहराव ना होने से रेलवे की ओर से स्टेशन पर लगाए गए खानपान के स्टाल भी बंद ही नजर आए. रेलवे स्टेशन की सूरते हाल देखकर यही खयाल आया की पहले जहां त्योहारों पर यहां मेलों का दौर चलता था अब कोरोना काल में मेरठ रेलवे स्टेशन अकेला ही रह गया है.
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