Vivah Panchami 2021: इस दिन शादी करने वाले रहते हैं जीवनभर दुखी, वजह जान रह जाएंगे दंग

Pallawi Kumari, Last updated: Sun, 28th Nov 2021, 4:07 PM IST
  • हिंदू धर्म में शादी विवाह शुभ मुहुर्त पर ही किए जाते हैं. कुछ मुहुर्त बहुत शुभ व उत्तम होते हैं. लेकिन इसके बावजूद इस दिन विवाह नहीं किया जाते हैं. अगहन महीने के मार्गशीर्ष शुक्‍ल पक्ष पंचमी तिथि की शुभ तिथि पर भी विवाह नहीं किया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन विवाह करने से बेटी जीवनभर दुखी रहती है.
विवाह पंचमी के दिन न करें कन्या का विवाह

हिंदू रीति-रिवाज में शादी के लिए शुभ मुहूर्त निकाले जाते हैं. कई बार को ऐसा होता है कि शुभ मुहूर्त के छह छह महीने तक इंतजार करना पड़ता है. लेकिन जब तक किया ब्राह्मण , पुरोहित या ज्योतिष से विवाह के शुभ मुहूर्त न निकाला जाए तो सादी नहीं की जाती. हिंदू धर्म में कुछ दिन शादी-विवाह के लिए शुभ माने गए हैं. इन मुहूर्त पर ही शादियां की जाती हैं. वहीं मुहुर्त के अलावा अक्षय तृतीया और तुलसी विवाह और विवाह पंचमी के जैसे कुछ ऐसे भी दिन होते हैं जो काफी शुभ माने जाते हैं.

लेकिन पौराणिक कथाओं में विवाह पंचमी का इतना अशुभ माना गया है. इस दिन ग्रह गोचर, लग्न मुहूर्त सब कुछ सही रहे फिर भी शादी नहीं करनी चाहिए. हर साल विवाह पंचमी का त्योहार मार्गशीर्ष शुक्‍ल पक्ष पंचमी के दिन होता है. इस बार विवाह पंचमी 8 दिसंबर 2021 को है. आइये जानने हैं इतने शुभ दिन पर भी क्यों विवाह नहीं करना चाहिए.

Vivah Panchami 2021: विवाह पंचमी पर करें ये उपाय, शादी-ब्याह में आ रही अड़चनें होगी दूर

दरअसल मार्गशीर्ष महीने के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी को श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इसलिए इस दिन शादी करना बहुत अशुभ माना गया है. क्योंकि विवाह के बाद माता सीता का वैवाहिक जीवन बहुत दुखी बीता. इसलिए पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मिथिलांचल और नेपाल में इस दिन विवाह नहीं किए जाते हैं.

क्या है पौराणिक कथा-राम के साथ विवाह के बाद माता सीता 14 साल तक वनवास में रही. इसी दौरान रावण ने भी उसका हरण कर लिया था. 14 साल का वनवास पूरा होने के बाद अग्नि परीक्षा देने के बाद भी श्रीराम ने गर्भवती सीता का परित्‍याग कर दिया और उन्‍होंने एक आश्रम में अपने दोनों पुत्र लव और कुश को जन्‍म दिया था. माता सीता की ऐसी दुखद जीवन के कारण लोग अपनी बेटी की शादी विवाह पंचमी के दिन नहीं करते.

मौत से पहले मनुष्य में दिखते हैं ये संकेत, शिवपुराण में भोलेनाथ ने की है पार्वती से चर्चा

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें