Vivah Panchami 2021: विवाह पंचमी के दिन है श्री राम-माता सीता की वैवाहिक वर्षगांठ, जानें महत्व

Pallawi Kumari, Last updated: Mon, 22nd Nov 2021, 9:52 AM IST
  • मार्गशीर्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है. हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का खास महत्व होता है. इसे भगवान श्री राम और माता सीता की वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में भी मनाया जाता है. इस बार विवाह पंचमी 8 दिसंबर को है.
विवाह पंचमी के दिन भगवान श्री राम और माता सीता की वैवाहिक वर्षगांठ

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है. विवाह पंचमी हिंदओं का लोकप्रिय त्योहार है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन को भगवान श्री राम और माता सीता की शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है. इस बार विवाह पंचमी बुधवार 8 दिसंबर 2021 को है. आइये जानते हैं विवाह पंचमी का कथा, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि से जुड़ी सारी जानकारियां.

श्रीराम-सीता विवाह की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि,  अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिछि को राम-सीता का विवाह मिथिलांचल में हुआ था. सीता के विवाह के लिए स्वयंवर किया गया . सीता के स्वयंवर में भगवान राम और लक्ष्मण दर्शक के रूप में पहुंचे थे. जब  कई राजाओं ने प्रयास किए, लेकिन कोई धनुष हिला न सका.  तब भगवान राम ने धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाने लगे कि धनुष टूट गया. इसके बाद राम-सीता का विवाह हुआ और हर साल इसी तिथि को राम सीता के विवाह की वर्षगांठ को पंचमी उत्सव  के रूप में मनाया जाता है.

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विवाह पंचमी शुभ मुहूर्त-

मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष तिथि आरंभ- 07 दिसंबर 2021 को रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से

मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष तिथि समाप्त- 08 दिसंबर 2021 को रात 09 बजकर 25 मिनट पर

विवाह पंचमी पूजा विधि-

मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें. इसके बाद भगवान श्री राम और माता सीता का ध्यान करें. एक चौकी पर गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध करें और लाल या पीले कपड़े का आसन बिछाएं और इसपर भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा या फोटो रखें. भगवान राम को पीला और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें. अब दीप जलाएं और तिलक करें, फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं फिरृ नैवेद्य अर्पित करें. पूजा के दौरान बालकाण्ड में दिए गए विवाह प्रसंग का पाठ करना चाहि. साथ ही इस दिन रामचरितमानस का पाठ भी करना चाहिए. इससे घर में सुख-शांति आती है और दाम्पत्य जीवन में मधुरता आती है.

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