मुजफ्फरपुर में बच्चों का भूतिया अस्पताल, ना डॉक्टर, ना मरीज, उद्घाटन के बाद से खंडहर

Indrajeet kumar, Last updated: Sun, 10th Oct 2021, 8:11 PM IST
  • मुजफ्फरपुर के पिलखी गांव में आठ साल पहले बना अस्पताल डॉक्टरों, मशीनों और अन्य स्टाफों के अभाव में बंद पड़ा है. करीब 46 करोड़ की लागत से रामदुलारी मिट्ठू लाल चौधरी मातृ शिशु मेमोरियल अस्पताल को बनाया गया था.
प्रतीकात्मक फोटो

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Bihar Hospital

 

मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर के पिलखी गांव में 46 करोड़ के लागत से राजकीय रामदुलारी मिट्ठू लाल चौधरी मातृ शिशु मेमोरियल अस्पताल बनाया गया था. उद्धाटन के बाद करीब आठ साल से यह अस्पताल बंद है. इस गांव के लोगों को आज तक इस अस्पताल से इलाज का लाभ नहीं मिला है. अस्पताल काफी जर्जर स्थिति में आ गई है. इस अस्पताल में मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट भी चालू होने वाली थी लेकिन आज तक न तो यूनिट चालू की गई और ना ही अन्य मरीजों का इलाज कराया गया. अगर मशीन, स्टाफ और डॉक्टरों की व्यवस्था करा दी जाए तो इस भवन का लाभ इलाके के मरीजों को मिलने लगेगा.

इस अस्पताल के चालू हो जाने के बाद सकरा और मुरौल प्रखंड के लोगों को SKMCH जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इलाके के लोग कई बार इस अस्पताल को चालू करने की मांग कर चुके हैं. इलाके के लोगों ने बताया कि उद्घाटन के बाद कुछ दिनों तक यहां OPD शुरू किया गया था. लेकिन 3-4 महीने बाद फिर से बंद कर दिया गया. इसके बाद से इस अस्पताल में कोई भी डॉक्टर, नर्स या कोई अन्य स्टाफ नहीं आया.

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इस मामले पर जिला सिविल सर्जन का कहना है कि अस्पताल में स्टाफ उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिला स्वास्थ समिति की नहीं बल्कि राज्य स्वास्थ समिति की है. मुज्जफरपुर पहले से ही स्टाफ की कमी झेल रहा है ऐसे में जिला स्वास्थ समिति कैसे डॉक्टरों और अन्य स्टाफों की नियुक्ति कर सकता है.

 

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