मुजफ्फरपुर: नौकरी पेशा वालों पर कोरोना का सबसे अधिक असर
- कोरोना के साथ साथ नौकरी खोने का भी संकट

मुजफ्फरपुर। कोविड-19 विश्व के लिए सबसे घातक साबित हो रहा है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। इससे आम आदमी तमाम दिक्कतों का सामना तो कर ही रहे हैं नौकरी पेशा वालों के लिए भी यह महामारी कम आफत नहीं ला रहा। कोरोना काल में सबसे अधिक संकट नौकरीपेशा वाले लोगों पर है। उनके लिए बाहर कोरोना संकट है तो घर के अंदर इससे परिजनों को बचाने की एक बड़ी चुनौती। एक तरफ उनकी नौकरी जा रही है तो दूसरी ओर जो फ़ील्ड या ऑफिस में नौकरी करने वाले लोगों को कोरोना निगेटिव होने के बाद भी मकान मालिक घर से निकाल रहे हैं।
ताजा मामला मुजफ्फरपुर शहर के एक नामी कंपनी के कर्मचारी के साथ हुआ है। कोरोना निगेटिव आने के बाद भी मकान मालिक और मोहल्ले वालों ने करीब एक सप्ताह तक पति-पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चों को घर में कैद रखा। चार व आठ साल का बच्चे तीन दिनों तक भूखे रहे। बाद में मोहल्ले के दबाव में मकान मालिक ने जबरन पूरे परिवार को घर से निकाल दिया। ऐसे में अपने नौकरी के माध्यम से परिवार का खर्चा चलाने वाले इन लोगों के लिए कोरोना और भी सितम ढाह रहा है।
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