बिहार में 25 साल से ज्यादा पुराने, छोटे बिजलीघर होंगे बंद, कांटी और बरौनी से शुरुआत
- बिहार में छोटी व पुरानी बिजली इकाइयों को बंद करने का फैसला किया गया है. मुजफ्फरपुर से कांटी बिजलीघर बंद होने के बाद अब बेगूसराय के बरौनी से भी बिजली लेने के करार को खत्म करने की तैयारी शुरू हो गई है. इसका कारण इकाई का 25 साल से अधिक पुराना बताया जा रहा है, जिससे उत्पादन लागत अधिक हो गई है.

मुजफ्फरपुर. बिहार सरकार ने छोटे बिजलीघरों को बंद करने का निर्णय लिया है. हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्यों को पत्र लिखकर कहा था कि वह किसी भी बिजलीघर से बिजली लेने के करार को समाप्त करने के लिए स्वतंत्र हैं. इसके बाद बिहार की बिजली कंपनी ने विद्युत विनियामक आयोग में एक याचिका दायक की, जिसे स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद मुजफ्फरपुर के कांटी बिजलीघर की दो इकाई से बिजली लेना बंद कर दिया गया. इसके बाद बेगूसराय के बरौनी की भी दो पुरानी इकाई से बिजली लेने के करार को खत्म करने की तैयारी शुरू हो गई है.
एनटीपीसी के अधिकारियों ने बिजलीघर को बंद किए जाने का कारण बताते हुए कहा कि, पुरानी इकाई होने की वजह से उत्पादन में कोयला अधिक लगता है, जिससे उत्पादन लागत बढ़ रहा है. इसके साथ ही इन इकाइयों के प्रदूषण भी फैल रहा है. इसलिए कांटी और बरौनी की दोनों पुरानी इकाइयों को बंद करने का फैसला लिया गया है. हालांकि इकाइयों के बंद होने पर बिजली की किल्लत नही होगी. अधिकारियों ने कहा है कि नवीनगर की नई इकाई चालू हो रही है, जिसके बाद बिजली की कोई समस्या नही होगी.
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बता दें कि कांटी की दोनों इकाईयों से बिहार को 220 मेगावाट बिजली मिल रही थी, जिसे इसी महीने से बंद कर दिया गया है. वहीं बरौनी में भी 110 मेगावट की दो इकाई से बिजली कंपनी जल्द ही बिजली लेने के करार को समाप्त करने वाली है.
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