मॉडल स्कूल के नाम पर करोड़ों किए खर्च, अभी तक नहीं लग पाए ब्लैक बोर्ड

Smart News Team, Last updated: Fri, 11th Dec 2020, 10:00 AM IST
  • मुजफ्फरपुर में मॉडल स्च्होल बनाने में बिहार शिक्षा विभाग ने करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन उसे संचालित नहीं कर पाई. जब मॉडल स्कूलों को हालत जर्जर होने लगी तो इसे सामान्य स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया.
मॉडल स्कूल के नाम पर बस खानापूर्ति, बनाने में 3 करोड़ हुए थे खर्च

मुजफ्फरपुर में बेहतरीन तीन मॉडल स्कूल बनाए गए। जिसमे में शिक्षकों के लिए कॉमन रूम से लेकर लैब और लाइब्रेरी तक की सुविधा का ध्यान रखते हुए सभी के लिए अलग-अलग कमरे बनाए गए. बच्चो को पढ़ाने के लिए बड़े-बड़े क्लास रूम्स भी बनाए गए, लेकिन उस मॉडल स्कूल का यह हाल है कि वहां के कक्षा वर्ग में अभी तक एक ब्लैक बोर्ड तक नहीं लगा है. ये हाल जिले के मॉडल स्कूलों का है, जिन्हे 2012 करीब साढ़े तीन करोड़ कि लागत से बनाया गया था.

यह हाल जिले के सिर्फ एक मॉडल स्कूल का नहीं है बल्कि तीनो मॉडल स्कूल का है. इन मॉडल स्कूलों को आठ साल पहले बनाया गया था. इसे बनाया तो गया था मॉडल स्कूल के रूप में लेकिन वर्तमान में इन्हे अब सामान्य स्कूल के रूप में काम में लिया जा रहा है. विभाग कि तरफ एक बार फिर जब मॉडल स्कूलों में क्लास संचालन और बाकि रिपोर्ट मांगी गई तो दोबारा मॉडल स्कूल और योजनाओं के नाम पर जिले में चल रही खानापूर्ति एक बार फिर सामने आई है.

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आपको बता दे कि इन मॉडल स्कूलों का निर्माण 2012 में कराया गया था. तब जिले में तीन प्रखंडों में इन स्कूलो को बनवाया गया था. इन्हे बनकर तैयार होने में करीब साढ़े तीन करोड़ की धनराशि लगी थी. इन मॉडल स्कूलों को जिले में एक मिशाल के रूप में बनाया गया था, लेकिन ये स्कूल बनने के बाद 2018 तक खली ही पड़े रहे. जब इन मॉडल स्कूलों की हालत खस्ता होने लगी तो इन्हे जिले के तीन स्कूल को शिफ्ट कर दिया गया.

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