मुजफ्फरपुर कोरोना थर्ड वेव की तैयारी का दावा, जानें क्या कहती है ग्राउंड रिपोर्ट
- बिहार के मुजफ्फरपुर में कोविड के तीसरी लहर को लेकर चल रहे दावों की पोल खुल रही है. दावा और जमीनी हकीकत में आसमान जमीन का अंतर साफ दिख रहा है. कहीं बेड तो कहीं बेड में ऑक्सीजन सिलेंडर नही है. किसी हॉस्पिटल में बेड लग गई है तो डॉक्टर और नर्स की तैनाती नही हुई अभी तक.

मुजफ्फरपुर: कोरोना की दूसरी लहर के खत्म होने के बाद अब विषेशज्ञ कोरोना की तीसरी लहर आने का संकेत दे रहे हैं. लेकिन अब भी सरकार और प्रशासन इसको लेकर बहुत गंभीर नजर नही आ रहा. प्रदेश में सरकार कोविड-19 के तीसरी लहर से लड़ने के लिए किए जा रहे व्यवस्थाओं को लेकर समय-समय पर अलग-अलग दावे तो कर रही. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही. कहीं डॉक्टर नहीं है तो कहीं किए जा रहे दावे के अनुसार बेड नही है तो कहीं आक्सीजन सिलेंडर और बाकी सुविधाएं अभी तक मुहया नही कराई जा सकी है. सरकार द्धारा दिए गए आदेश कहीं फाइलों में फंस कर रह गए हैं.
विशेषज्ञों द्वारा बताया जा रहा कि कोविड-19 की आने वाली तीसरी लहर बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी. इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यालय ने सभी पीएचसी और सीएचसी में ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त 10 बेड का चाइल्ड केयर वार्ड तैयार करने और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के आदेश निकाल दिया. लेकिन सभी जिलों में ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त दस बेड चाइल्ड वार्ड बनाने की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है. कहीं बेड आनन फानन में व्यवस्था की भी गई है तो बस खानापूर्ति की गई. कई हॉस्पिटल में बेड तो लगा दिए गए लेकिन वहां डाक्टरों की कमी है. जिसे अब तक पुरा नही किया गया है. वहीं जहां डॉक्टर नर्स तैनात किए गए हैं वहां उन्हें अभी तक प्रशिक्षण नही दिया जा सका है. दूसरी तरफ ग्रामीण प्रेक्टिसनर्स को प्रशिक्षण तो दिया गया. लेकिन उन्हें कोविड मरीजों की सूची अभी तक उपल्ब्ध नही कराई जा सकी है.
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वहीं जिले के सिविल सर्जन ने दावा कर दिया है कि मुज़फ्फरपुर जिले के सभी 16 प्रखण्ड में 10 बेड का चाइल्ड वार्ड शुरू किया जा चुका है. लेकिन जमीन पर वो नजर नही आ रही है. गायघाट सीएचसी में 10 बेड की जगह 8 बेड ही लगाए गए हैं. जिसमें भी 8 बेड में ही ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया है. वहीं पीएचसी मड़वन में चाइल्ड वार्ड बनाने के लिए कोई कमरा उपल्ब्ध नही होने के कारण पीएचसी परिसर में वार्ड बनाने का निर्णय लिया गया. जिसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति ली गई है. लेकिन अनुमति मिलने के बाद अभी भी वार्ड बनाने की प्रक्रिया ही चल रही है.
वहीं पारू सीएचसी में आक्सीजन सिलेंडर लगा 10 चाइल्ड वॉर्ड शुरू कर दिया गया है. डॉक्टर के साथ तीन जीएनएम व दस एएनएम सहित पारा मेडिकल स्टाफ तैनात कर दिए गए हैं. लेकिन अब मुश्किल यह है कि इन्हें अभी तक कोविड मरीज खास कर बच्चों को संभालने की अभी तक किसी भी तरह की ट्रेनिंग नही दी गई है. जिससे हॉस्पिटल में भर्ती होने पर मरीजों को कितनी सहायता मिल पाएगी इसमें संशय बना हुआ है.
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