मुजफ्फरपुर: लॉकडाउन में साफ हुई हवा फिर बनी जहरीली, अनलॉक होते ही प्रदूषण बढ़ा
- मुजफ्फरपुर में फिर से सामान्य जनजीवन शुरु होने से प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है. लॉकडाउन के कारण बीते पांच महीने में सांस की समस्या से जुड़ी दवाओं की बिक्री आधी हो गई थी. शहर में प्रदूषण का स्तर एक बार भी खतरे वाली स्थिति तक नहीं पहुंचा था.
मुजफ्फरपुर: शहर के बाजार दुबारा खुलते ही प्रदूषण के स्तर में उछाल शुरू हो गया है. फिर से गाड़ियों के चलने से, आए दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम व फैक्ट्रियों के शुरू हो जाने से हवा में जहर फैलने लगा है. आंकड़ों के मुताबिक बीते कुछ दिनों में शहर के प्रदूषण का स्तर 59 से बढ़ कर 90 पर पहुंच गया है. इससे सांस संबंधित रोग तेजी से फैलने की आशंका है.
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण मार्च से लागू लॉकडाउन के दौरान शहर का प्रदूषण स्तर राष्ट्रीय मानक से भी कम हो गया था. एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के भी नीचे चला गया था. बीते पांच महीनों में शहर में प्रदूषण का स्तर एक बार भी खतरे के स्तर तक नहीं पहुंचा था. दवा विक्रताओं का कहना है कि शहर की हवा साफ होने से इन्हेलर व सांस फूलने की दवाओं की बिक्री आधी हो गई थी. फिलहाल, अभी भी स्थिति नियंत्रण में है. लेकिन, धीरे-धीरे प्रदूषण का स्तर बढ़ने से शहरवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसके साथ ही मरीज जो सांस जनित बीमारी या ह्रदय रोग से ग्रसित हैं, उनके लिए परेशानी और अधिक बढ़ सकती है.
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शहर में बढ़ते प्रदूषण के मामले पर छाती व फेफड़ा रोग के विशेषज्ञ डॉ. विजय कुमार कहते हैं कि बीते पांच महीने में शहर के प्रदूषण का स्तर संतोषजनक होने और हवा में पीएम-2 की मात्रा के घटने के कारण सांस जनित बीमारियों के रोगियों को काफी राहत मिली थी जोकि प्रदूषण बढ़ने से परेशान हो सकते हैं.
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