UG पार्ट 1 रिजल्ट जारी होने के बाद वेबसाइट पर अपलोड न होने से BRA बिहार विवि के स्टूडेंट नाराज

Mithilesh Kumar Patel, Last updated: Wed, 29th Dec 2021, 1:38 PM IST
  • बाबासाहेब भामराव अंबेडकर (बीआरए) बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक पार्ट वन का परिणाम जारी होने के बाद भी वेबसाइट पर न दिखने से विद्यार्थियों में आक्रोश बढ़ रहा है. कारण बताने के लिए संबंधित विवि अधिकारी तैयार नहीं हैं. विवि परीक्षा नियंत्रक, अध्यक्ष छात्र कल्याण व कुलपति का मोबाइल बंद बता रहा है.
स्नातक पार्ट वन रिजल्ट जारी होने के बाद भी वेबसाइट पर न अपलोड होने से स्टूडेंट्स नाराज

मुजफ्फरपुर. बाबासाहेब भामराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (BRABU) के स्नातक पार्ट वन सत्र 2019-22 की परीक्षा रिजल्ट जारी होने के बाद भी वेबसाइट पर अपलोड न किए जाने से स्टूडेंट खासा परेशान हैं. छात्र-छात्राओं का आरोप है कि BRABU की परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है. जिसके चलते रिजल्ट जारी होने के 4 दिन बाद भी विवि के आधिकारिक वेबसाइट पर अब तक परिणाम स्टेटस अंडर मेंटेनेंस बता रहा है. उनका कहना है कि विवि के कुलपति, प्रति कुलपति, परीक्षा नियंत्रक और छात्र कल्याण अध्यक्ष समेत अन्य कोई भी अधिकारी देरी का कारण बताने को तैयार नहीं है.

विवि के विद्यार्थियों का कहना है कि जब परिणाम जारी कर दिया गया तो क्यों उस पर रोक लगाई गई या परिणाम ठीक है तो दिख क्यों नहीं दिखाई जा रही है. बता दें कि इंटरनेट के जरिए सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट अपना रिजल्ट जानने को बेताब हैं. ऐसे में विवि के संबंधित अधिकारियों के द्वारा देरी का कारण न बताए जाने पर छात्र-छात्राओं में उबाल बढ़ रहा है. उनका कहना है कि यही स्थिती बरकरार रही तो विवि खुलने के बाद भारी बवाल होगा. इसे लेकर कई छात्र संगठनों की ओर से नाराजगी व्यक्त की गई है.

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दो-चार दिन रुककर परिणाम मिलता तो विद्यार्थियों को नहीं झेलनी पड़ती परेशानी

विद्यार्थियों ने विवि के परीक्षा नियंत्रक डा.संजय कुमार से मोबाइल पर संपर्क कर कारण जानने की कोशिश की मगर उनका फोनकॉल बंद बता रहा है. उन्होंने इस सिलसिले में अध्यक्ष छात्र कल्याण डा.अजीत कुमार और कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय को फोन घुमाया मगर उनकी तरफ से भी फोन रिसीव नहीं की गई. इसके बाद छात्र-छात्राओं ने परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी होने से संबंधित जानकारी के लिए विवि के प्रति कुलपति प्रो.रवींद्र कुमार से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. आगे प्रति कुलपति ने स्वीकार किया कि यदि परिणाम में गड़बड़ी हुई है तो जल्दीबाजी में परिणाम नहीं जारी किया जाना चाहिए था. दो-चार दिन रुककर ही यदि ठीक परिणाम विद्यार्थियों को मिलता तो उन्हें यह परेशानी नहीं झेलनी होती.

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बता दें कि पहली बार स्नातक की परीक्षा विवि की ओर से OMR शीट पर ली गई है. परीक्षा में दो-दो अंक के 50 प्रश्न  पूछे गए थे. विवि की ओर से बताया गया था कि परीक्षा के उत्तर पुस्तिकाओं की जांच स्कैन कर कंप्यूटर के माध्यम से की जाएगी. ऐसे में विवि का पूरा मार्किंग पैटर्न सवालों के घेरे में आ गया है.

विवि के अधिकारी कह रहे कि कुछ अंक ग्रेस देने के क्रम में किसी पेपर में 45 अंक मिल गया होगा, लेकिन यह तर्क भी तब गलत साबित हो जा रहा जब विद्यार्थियों के आनलाइन जारी अंकपत्र में 61, 53, 65, 57 आदि अंक दर्ज किए गए हैं. छात्र नेताओं का आरोप है कि मूल्यांकन हुआ ही नहीं एवरेज मार्किंग कर अंक दे दिया गया. इसके जवाब में विवि के संबंधित अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

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