बिहार यूनिवर्सिटी से 68 साल में पास 75 लाख स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड होगा डिजिटल

Smart News Team, Last updated: Sat, 5th Jun 2021, 7:15 AM IST
  • बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से 68 साल में पास 75 लाख से अधिक स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड डिजिटल किया जाएगा. इससे छात्रों का डाटा एक क्लिक पर निकलेगा. अब पास होने वाले सभी छात्रों का रिकॉर्ड डिजिटल मोड पर रखा जाएगा.
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (फाइल फोटो).

मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय प्रशासन ने फैसला लिया है कि 68 साल के दौरान यूनिवर्सिटी से पास होने वाले छात्रों का रिकॉर्ड डिजिटल किया जाएगा. अब कागजों पर रहने वाले इन रिकॉडों को छात्र एक क्लिक से देख सकते हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसपर काम शुरू कर दिया है.

मिली जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी की स्थापना से लेकर अबतक पास होने वाले छात्रों की संख्या 75 लाख से ज्यादा है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया कि इन सभी छात्रों के टेबुलेशन रिजस्टर को स्कैन किया जा रहा है. इसके बाद इन छात्रों को रिकॉर्ड को ड्राटा इंट्री के जरिए कम्प्यूटराइज किया जाएगा. स्नातक, पीजी, वोकेशनल, प्रोफेशनल सभी तरह के कोर्स के छात्रों का रिकॉर्ड कम्प्यूटराइज किया जा रहा है, ताकि आसानी से छात्र मोबाइल या कम्यूटर पर एक क्लिक कर अपना रिकॉर्ड देख सकें.

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1952 में इस विश्वविद्यालय का स्थापना हुआ था. उस वक्त इस यूनिवर्सिटी का नाम बिहार विश्वविद्यालय था. 1992 में इसका नाम बदलकर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय कर दिया गया. परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी के स्थापना काल से लेकर अबतक पास होने वाले छात्रों का रिकॉर्ड डिजिटल किया जा रहा है. इसके अलावा अब पास होने वाले सभी छात्रों का रिकॉर्ड डिजिटल मोड पर रखा जाएगा. इन रिकॉर्ड की हार्ड कॉपी यूनिवर्सिटी में रहेगी.

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डॉ. संजय कुमार ने बताया कि कुछ समय बाद कागज खराब होने लगते हैं. ऐसे में रिकॉर्ड डिजिटल मोड पर रहने से छात्रों के लिए आसानी होगी. वे एक क्लिक पर पूरा रिकॉर्ड देख सकते हैं. ये रिकॉर्ड छात्रों के पढ़ाई और यूनिवर्सिटी के एसेट हैं. रिकॉर्ड डिजिटल होने से यह भी पता चल पाएगा कि अबतक कितने छात्रों ने यहां से पढ़ाई की है. साथ ही डिग्री तैयार करने में समय भी बचेगा.

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