नियमों की धज्जियां उड़ा डॉक्टर ने किया आंखों का ऑपरेशन, कई लोगों की गई रोशनी
- मुजफ्फरपुर में डॉक्टर ने एक दिन में 65 लोगों की आंखों का ऑपरेशन किया. सारे नियम किनारे रखकर ऑपरेशन किया डॉक्टर ने. कुछ लोगों की आंख की रोशनी जाने के बाद राज खुला.

मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर आंख के अस्पताल में डॉक्टर ने अजीब कारनामा कर दिया. सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एक दिन में मोतियाबिंद के 65 ऑपरेशन कर दिये. जिसके चलते मंगलवार को एसकेएमसीएच में दो मरीजों की संक्रमित आंख निकालनी पड़ी. इसके पहले ऑपरेशन के दूसरे दिन ही स्थिति गंभीर होने पर आई अस्पताल ने आनन-फानन में चार मरीजों की आंख निकाल दी थी.
बता दें अस्पताल प्रशासन सूचना देने की बजाय मामले को दबाने में लग गया. अस्पताल प्रशासन ने सूचना न तो स्वास्थ्य विभाग को दी न ही जिला प्रशासन को. मंगलवार को जांच टीम की सख्ती के बाद अस्पताल प्रबंधन ने पहले ही चार लोगों की आंख निकालने की बात स्वीकारी. जांच टीम ने आशंका जताई है कि दर्जनभर से अधिक मरीजों की आंख निकालनी पड़ सकती है.
नीतीश सरकार बिहार में जल्द करेगी सवा लाख शिक्षकों की बहाली, जानें फुल डिटेल्स
कॉर्निया बेकार हो गई:
ऑपरेशन कराने वाले ज्यादातर मरीजों का कॉर्निया बेकार हो गया है. कई मरीजों में संक्रमण ब्रेन तक पहुंचने का खतरा है. छह पीड़ितों की हालत गंभीर है. इन सबकी आंख बुधवार को एसकेएमसीएच में निकाली जाएगी. उधर, डीएम प्रणव कुमार ने अगले आदेश तक मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन पर रोक लगा दी है.
पहले किया गुमराह फिर उगला सच:
अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों के साथ ही ऑपरेशन करने वाले डॉ. एनडी साहू को भी बुलाया गया था. डॉक्टर साहू ने इस बात से इंकार कर दिया कि उन्होंने ऑपरेशन किया है. मंगलवार को जांच टीम के सामने उन्होंने ऑपरेशन करने की बात कबूली.
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद कैंप से जुड़े मामले की जांच करायी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिला स्वास्थ्य प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी.
नियम कहता है एक डॉक्टर सिर्फ 12 ऑफरेशन कर सकता है:
प्रोटोकॉल के अनुसार एक दिन में एक डॉक्टर को केवल बारह ऑपरेशन करने हैं. लेकिन सारे नियम ताक पर रखकर एक दिन में किए 65 ऑपरेशन किए. प्रशासन मामला बिगड़ने पर छुपाने में जुट गया. जांच टीम ने प्रबंधन से पूछा कि किस परिस्थिति में एक डॉक्टर ने 65 लोगों का ऑपरेशन किया. इसके साथ ही ओटी की स्थिति और भीड़ की तुलना में अन्य संसाधन की जांच की. साथ ही जांच टीम में शामिल नेत्र रोग विशेषज्ञों ने आंशका जताई कि ऑपरेशन के पहले इस्तेमाल होने वाली दवाई की भी जांच करनी चाहिए.
डीएसपी राम नरेश पासवान ने बताया कि मंगलवार को अस्पताल प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. इस प्रकरण में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही एफआईआर दर्ज की जाएगी. रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने कहा, 'मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल ने जांच टीम के सामने स्वीकार किया कि चार मरीजों की आंख पहले निकाली गई थी. सीएमओ डॉ. सुभाष प्रसाद सिंह ने कहा, 'स्थिति गंभीर है. आंखों में गंभीर संक्रमण के और मरीज सामने आ सकते हैं. इन्हें बचाने के लिए इनकी आंख निकालनी पड़ सकती है.'
अन्य खबरें
MP सरकार का बड़ा फैसला, अब होमगार्ड को भी ड्यूटी के दौरान मिलेगा भोजन भत्ता
भोपाल-जोधपुर एक्सप्रेस ट्रेन 14 से 31 दिसंबर तक नहीं चलेगी, जाने क्या है कारण
Corona Omicron: कोविड तीसरी लहर का आशंका के बीच MP अस्पतालों में मॉक ड्रिल
BJP विधायक का SP अध्यक्ष को खुला चैलेंज, अखिलेश यादव को 1 लाख वोटों से हराऊंगा