मुजफ्फरपुर: मोतियाबिंद ऑपरेशन में आंख गंवाने वालों की संख्या 15, महिला की मौत

Sumit Rajak, Last updated: Thu, 2nd Dec 2021, 7:56 PM IST
  • मुजफ्फरपुर के आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन के बाद गुरुवार को आंख गंवाने वाली एक महिला की मौत हो गई. मौत की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन में अफरा- तफरी मच गया है. बताया जा रहा कि आंख की रोशनी गंवाने के बाद यह पहली मौत है. वहीं बुधवार को मेडिकल कॉलेज में करीब नौ पीड़ितों की आंख की रोशनी निकालने पड़ी. अब आंख गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है.
मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद का आपरेशन कराने वाली महिला की मौत

मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर के आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन के बाद गुरुवार को आंख गंवाने वाली एक महिला की मौत हो गई. मौत की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन में अफरा- तफरी मच गया है. बताया जा रहा कि आंख की रोशनी गंवाने के बाद यह पहली मौत है. जबकी एक और मौत की चर्चा है, जिसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है. आपरेशन होने के बाद रोशनी गंवाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं बुधवार को मेडिकल कॉलेज में  करीब नौ पीड़ितों की आंख रोशनी निकालने पड़ी. अब आंख गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है. हालांकि बुधवार को नौ नए मरीज को मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे. इनकी जांच के बाद आंख की निकालने का फैसला हुआ.

जिन नौ लोगों की आंख की रोशनी चली गई थी. उनमें से बंदरा के रामपुर दयाल गांव की जुबैदा खातून की गुरुवार को मौत हो गई. आई हॉस्पिटल में जुबैदा की मोतियाबिंद का आपरेशन हुआ था. जुबैदा संक्रमण के बाद घर पर ही थी. वही जुबैदा किडनी की भी मरीज थी. 22 नवंबर को ऑपरेशन कराने वाले सभी लोगों में संक्रमण की आशंका होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ रखा है. बताया जा रहा कि पचास पीड़ितों के बारे में न तो विभाग के पास पर्याप्त जानकारी है और न ही मरीज की खोज-खबर ली जा रही है. 

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घटना के तीन दिन बाद बुधवार को सीएस जागे और आई अस्पताल को पत्र भेजकर पीड़ितों का ब्योरा और अस्पताल से जुड़े दस्तावेज मांगे है. साथ ही डीएम ने पीड़ितों को मुख्यमंत्री सहायत कोष से मुआवजा देने का वादा किया. हालांकि, इससे पहले मंगलवार को दो पीड़ितों की आंख निकाली गई थी.  22 नवंबर को ऑपरेशन के दूसरे दिन आई अस्पताल ने मामला को दबाने के लिए आनन-फानन में चार मरीजों की आंख निकाली गई थी. वहीं बुधवार को मुजफ्फरपुर के साथ ही पटना में भी यह मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह समेत अन्य आला अधिकारियों के फोन आने के बाद सीएस डॉ. विनय कुमार शर्मा टीम के साथ अस्पताल पहुंचे. 

 

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