मुजफ्फरपुर के चर्चित नवरूणा कांड में CBI ने बंद की जांच, फाइनल रिपोर्ट दाखिल
मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर के बहुचर्चित नवरूणा कांड मामले में सीबीआई ने विशेष कोर्ट में अपनी फाइल रिपोर्ट जमा कर दी है. सीबीआई ने इस मामले में केस से संबंधित तथ्यों और सबूतों का अभाव बताते हुए मुजफ्फरपुर के विशेष कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दी है. गौरतलब है कि सीबीआई सीरीज को रिपोर्ट पर नवरूणा हत्याकांड का रहस्य और अधिक गहरा गया है.
आपको बता दें कि इस मामले में दर्जनों वैज्ञानिक जांच के बावजूद सीबीआई नवरूणा के अपहरण, हत्या के कारणों और हत्यारों के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं जुटा सकी. जांच अधिकारी सह डीएसपी अजय कुमार ने इस हत्याकांड की जांच में 86 जांच बिंदुओं के आधार पर 40 पेज की रिपोर्ट पेश की है. सीबीआई की रिपोर्ट के साथ ही इस केस की जांच भी बंद हो गई है.
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नवरूणा का शव उसके घर के पास से नाले से बरामद हुआ था. लेकिन उसके हत्याकांड का खुलासा करने में सीबीआई नाकाम रही. सीबीआई ने इस मामले में 66 लोगों की गवाही की थी. इसके अलावा इस हत्याकांड को लेकर कोई भी सूचना देने पर 10 लाख की इनाम की घोषणा भी की गई थी. तमाम कोशिशों के बाद भी सीबीआई के हाथ इस केस से संबंधित कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगे.
जानकारी के अनुसार नगर थाने के तत्कालीन थानेदार जितेंद्र प्रसाद, वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा पप्पू, मोती नगर के रहने वाले विमल अग्रवाल सहित आधा दर्जन संदिग्धों की ब्रेन मैपिंग, लाई डिटेक्टर, नार्को और बयानों के आधार पर भी सीबीआई इस हत्याकांड के अपराधियों को पकड़ने में नाकाम रही. इसके अलावा इस केस में डीएनए और वह टेस्ट तक करवाए गए थे. लेकिन मामले में सीबीआई को गिरफ्तार किए गए आधा दर्जन संदिग्धों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत हाथ नहीं लग सका. अब आने वाली 4 दिसंबर को विशेष कोर्ट में इन आरोपियों के खिलाफ सुनवाई की जाएगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी दिन सीबीआई की रिपोर्ट पर भी सुनवाई हो सकती है.
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ज्ञात हो कि 17 सितंबर 2012 को जवाहर लाल रोड के अतुल चक्रवर्ती की छोटी बेटी नवरूणा(12) रहस्यमय तरीके से कमरे से गायब हो गई थी. जिसको लेकर उसके पिता ने 18 सितंबर को नगर थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था. 26 नवंबर को उसकी लाश घर के सामने नाले में मिली थी. 2 साल बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया. इस मामले में सीबीआई ने 15 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. मामले में सीबीआई ने 250 से अधिक को नोटिस देकर कैंप कार्यालय और क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाकर मामले की जांच की है. साथ ही सुराग नहीं मिलने पर 10 लाख रुपए के नाम की घोषणा भी की थी.
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