मुजफ्फरपुर मातृत्व लाभ बिचौलिया घोटाला: 65 साल की औरत, 18 महीने में 8 बच्चे पैदा
- बिहार के मुजफ्फरपुर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना के तहत मिलने वाले पैसे का बिचौलियों ने ऐसा घोटाला किया है कि डीएम और सिविल सर्जन भौंचक्के हैं. जिन औरतों के नाम पर बच्चा का पैदा होना दिखाया गया, उनके खाते में आए मैटरनिटी बेनिफिट स्कीम के पैसे दलाल निकालकर खा गए.

मुजफ्फरपुर. एक बाहर बिहार स्कूटर पर भैंस पहुंचाने के चारा घोटाले चौंका था. अब बिहार के मुजफ्फरपुर में 65 साल की एक महिला के नाम पर घोटालेबाजों ने 18 महीने में 8 बार बच्चे पैदा करा दिए जिससे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना का पैसा गबन कर सकें. मामला सामने आने के बाद डीएम चंद्रशेखर सिंह ने जांच का आदेश दिया है. डीएम ने कहा है कि चार अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है और जो भी दोषी होंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
नेशनल मैटरनिटी बेनिफिट स्कीम के तहत अस्पताल में बच्चा जन्म देने वाली गर्भवती औरतों को 1400 रुपए और गर्भावस्था के दौरान उनकी निगरानी समेत उन्हें अस्पताल लाने के लिए आशा वर्कर को 600 रुपए की सहायता दी जाती है.
मामले का भंडाफोड़ मुशहरी ब्लॉक से हुआ है. यहां के छोटी कोठिया गांव की 65 वर्षीया शांति देवी के नाम पर मैटरनिटी बेनिफिट स्कीम का लाभ उठाने के लिए बिचौलियों ने 18 महीने में उनके 8 बच्चे पैदा दिखा दिए. शांति के चार बच्चे हैं और जो सबसे छोटा बेटा है वो भी 21 साल पहले पैदा हुआ था. स्थानीय लोगों के अनुसार पिछले 20 सालों में शांति देवी ने किसी भी बच्चे को जन्म नहीं दिया है और अब तो वह वृद्धावस्था पेंशन का लाभ ले रही हैं.
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मुसहरी प्रखंड के छोटी कोठिया गांव में ही शांति देवी के अलावा सोनिया देवी, लीला देवी, सोनी देवी, सबीना खातून को भी इस स्कीम का लाभार्थी दिखाया गया है. बताया जाता है कि कम से कम 50 से ज्यादा औरतों के नाम पर इस स्कीम के तहत पैसा उड़ाया गया है.
13 महीने में 8 बार शांति देवी के खाते में आया मातृत्व लाभ का पैसा
शांति देवी के खाते में 13 महीने के भीतर आठ बार मातृत्व लाभ योजना का पैसा आया. बच्चे को जन्म देने के एवज में पहली बार उनके एकाउंट में 3 जुलाई, 2019 को पैसा आया था. इसके बाद से अब तक आठ बार प्रोत्साहन राशि आया है. शांति देवी को एक बार भी ये पैसे नहीं मिले. पैसा आने के अगले दिन ही बिचौलिया पैसा निकाल ले रहा था.
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शांति देवी को जब उनके नाम पर आ रहे पैसे के बारे में पता चला तो वो स्टेट बैंक से जुड़े सीएसपी सेंटर (कस्टमर सर्विस प्वाइंट) पर गईं जहां से उनका खाता चलता है. तो सेंटर चलाने वाले ने उनसे कहा कि वो केस ना करें, जो पैसे आए थे वो सब वो लौटा देगा.
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स्टेट बैंक मुशहरी के ब्रांच मैनेजर चरणजीत कुमार ने कहा कि उन्हें तो यकीन ही नहीं रहा है कि सीएसपी सेंटर ऑपरेटर ने ये कारनामा कैसे किया क्योंकि भुगतान का पूरा सिस्टम खाताधारक के आधार कार्ड में दर्ज अंगूठे के निशान से जुड़ा हुआ है.
सिविल सर्जन डॉक्टर शैलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि जांच कमिटी में एक डॉक्टर, एक एकाउंट एक्सपर्ट, एक एडीएम स्तर के अधिकारी भी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि जांच टीम ये पता करेगी कि खाता से पैसे बिचौलिया ने कैसे निकाले और इस पूरे खेल में कौन-कौन शामिल है.
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