मुजफ्फरपुर के प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान छात्रा की मौत, बड़ा हंगामा

Smart News Team, Last updated: Fri, 2nd Jul 2021, 6:26 AM IST
 मुजफ्फरपुर के प्राइवेट अस्पताल में इलाजरत स्नातक की छात्रा 21 वर्षीय प्रिति कुमार की मौत पर जमकर हंगामा हुआ. जिसमें परिजनों व नर्सिंग होम के कर्मियों के बीच हाथापाई हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि एक बार भी डॉक्टर प्रीति को भर्ती के दौरान देखने तक नहीं पहुंचे।
मुजफ्फरपुर के प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान छात्रा की मौत, बड़ा हंगामा

मुजफ्फरपुर. शहर के जूरन छपरा जिला परिषद मार्केट स्थित एक निजी नर्सिंग होम में इलाजरत स्नातक की छात्रा 21 वर्षीय प्रिति कुमार की मौत पर जमकर हंगामा हुआ. पिता सुबोध कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि बेटी के गुनाहगारों को सजा दिलाने की मांग करने पर उन्हें व अन्य परिजनों को नर्सिंग होम के कर्मियों व अन्य दवा दुकानदारों ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा. परिजनों का आरोप है कि प्रीति की मौत हो गयी थी उसके बाद भी उसे मृत अवस्था में निजी नर्सिंग होम से रेफर किया जा रहा था. अस्पताल प्रबंधन ने खुद से एंबुलेंस भी मंगवा ली थी इसकी भनक लगने पर परिजनों ने विरोध जताया. दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक नर्सिंग होम में गहमागहमी बनी रही.

जहां एक तरफ परिजनों व नर्सिंग होम के कर्मियों के बीच हाथापाई हो रही थी वहीं दूसरी ओर एंबुलेंस में रखी मां अपनी बेटी की लाश से लिपटकर दहाड़मार रो रही थी. प्रिति के चाचा प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वह छह माह पहले एक समारोह के दौरान सीढ़ियों से गिर गयी थी. जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आयी थी. दवा खाने के बाद वह ठीक भी हो गयी थी. बुधवार की सुबह 11 बजे से उसके सिर में तेज दर्द होने लगा. जिसके बाद प्रीति को जूरन छपरा स्थित एक निजी नर्सिंग होम लेकर गए तो उन्होंने न्यूरो की जगह फिजिशियन डॉक्टर ने उसे भर्ती कर लिया. भर्ती होने के बाद डॉक्टर व कंपाउंडर ने कहा कि 10 से 15 दिन में वह सही हो जायेगी. उसके सिर में खून का थक्का जम गया है. लेकिन एक बार भी डॉक्टर उसे भर्ती के दौरान देखने तक नहीं पहुंचे. तबीयत बिगड़ने पर एक कंपाउंडर ने पानी चढ़ाया दिया जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

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नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने बताया कि पीड़ित पक्ष ने निजी अस्पताल के डॉक्टर व नर्सिंगकर्मी के खिलाफ ब्रह्मपुरा थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया है. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है. हंगामे की सूचना पर ब्रह्मपुरा थाना के दारोगा सरोज कुमार, जमादार विद्यानंदन कुमार, लक्ष्मण राम आदि मौके पर पहुंचे. करीब तीन घंटे तक अफरा तफरी मची रही. उन्होंने बताया कि ब्रह्मपुरा थानेदार अनिल कुमार गुप्ता को मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया गया था लेकिन वे खुद नहीं गए और टाइगर मोबाइल जवान को भेज दिया. जिससे यह मामला और भी उलझ गया. एक घंटा बवाल के बाद ब्रह्मपुरा थाना से दारोगा सरोज कुमार सहित अन्य ने मौके पर पहुंचे तब जाकर मामला शांत हुआ।

 

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