मुजफ्फरपुर: टिकट न मिलने से खफा नेता लड़ सकते है निर्दलीय चुनाव

Smart News Team, Last updated: Fri, 9th Oct 2020, 5:41 PM IST
  • नामांकन प्रक्रिया की तिथि नजदीक आती जाएगी वैसे ही राजनीतिक दलों के नेताओं के विरोधी स्वर तेज होते जाएंगे. वैसे भी पार्टी में असंतुष्टों की संख्या में भी इजाफा होता जा रहा है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020, नामांकन प्रक्रिया की तिथि नजदीक

मुजफ्फरपुर : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राजनीतिक दलों की ओर से जैसे-जैसे दावेदारों की सूची जारी की जा रही है. वैसे भी पार्टी में असंतुष्टों की संख्या में भी इजाफा होता जा रहा है. पार्टी के अंदर जहां विरोधाभासी स्वर गूंजने लगे हैं वहीं टिकट से वंचित कद्दावर नेता अपनी किस्मत निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में आजमाने की कवायद में जुट गए हैं.

मुजफ्फरपुर जिले में विधानसभा चुनाव की मुनादी होते ही राजनीतिक दलों की सक्रियता के साथ ही रसूख वाले टिकट पाने के लिए हाईकमान से संपर्क साधने में लगे हैं. वहीं जहां पर राजनीतिक दलों की ओर से दावेदारों को तय कर दिया गया है वहां टिकट से वंचित कद्दावर नेताओं में पार्टी हाईकमान की ओर से लिए गए निर्णयों के प्रति असंतोष भी दिखाई देने लगा है. ऐसे नेताओं की ओर से हालांकि अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले गए हैं. फिर भी वह अपने खास समर्थकों के साथ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने को लेकर रणनीति तय करते देखे जा रहे हैं. कमोबेश यही स्थिति न केवल एनडीए में बल्कि राष्ट्रीय जनता दल व लोजपा में भी दिखाई पड़ रही है.

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राजनीतिक दलों में बगावत के स्वर तेज होते ही उथल-पुथल भी शुरू हो गई है. औराई विधानसभा क्षेत्र से 2015 में चुनाव जीतकर विधायक बने सुरेंद्र कुमार के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है. भाजपा के पूर्व विधायक राजू सिंह का टिकट कटने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जैसे-जैसे नामांकन प्रक्रिया की तिथि नजदीक आती जाएगी वैसे ही राजनीतिक दलों के नेताओं के विरोधी स्वर तेज होते जाएंगे. यही नहीं इनमें से कुछ एक कद्दावर नेता निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी आम जनता के बीच दिखाई देंगे. इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

 

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