कोरोना काल में रिश्तों पर भारी मौत का डर ! खौफ में अपनों ने भी जब छोड़ दिया साथ

Smart News Team, Last updated: Mon, 26th Apr 2021, 5:10 PM IST
कोरोना काल में अपने भी साथ छोड़ रहे हैं. मुजफ्फरपुर में एक एक बुजुर्ग दंपत्ति का उनके बेटे ने इलाज कराने से मना कर दिया. इतना ही नहीं, पिता की मौत होने पर उनका अंतिम संस्कार भी नहीं किया. वहीं, एक बुजुर्ग महिला के कोरोना संक्रमित होने पर घर में रह रहे बेटे-बहू ने उन्हें खाना भी नहीं दिया.
कोरोना काल में मौत का डर रिश्तों पर भारी पड़ रहा है.

मुजफ्फरपुर. कोरोना काल में मौत का डर रिश्तों पर भारी पड़ रहा है. इन बेकाबू हालातों में अब अपने भी साथ छोड़ रहे हैं. जिले में एक बुजुर्ग दंपत्ति को उनके बेटे ने इलाज के नाम पर पहले अस्पताल लाकर छोड़ दिया और बाद में पिता की मृत्यु होने पर उनके अंतिम संस्कार करने से भी इनकार कर दिया. वहीं दूसरे मामले में कोरोना संक्रमित महिला को उसके बेटे-बहु ने खाना तक नहीं दिया.

जानकारी के अनुसार शनिवार को बुजुर्ग अर्जुन ओझा और उनकी पत शांति ओझा को उनके बेटे और बहू ने इलाज के नाम पर लाकर सदर अस्पताल में छोड़ दिया. देर शाम दंपती को लेकर सदर अस्पताल से एंबुलेंस उसके घर पहुंची तो बेटे ने रखने से मना कर दिया. जिसके बाद उन्हें एसकेएमसीएच के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया. 12 घंटे तक उनका इलाज चलने के बाद आखिरकार रविवार सुबह उनकी मौत हो गई. मौत के बाद जब बेटे को सूचना दी गई तो उसने शव लेने से इन्कार कर दिया. इसके बाद अस्पताल प्रशासक और कुछ सामाजिक लोगों की पहल पर अंतिम संस्कार हुआ. आपको बता दें कि बुजुर्ग की पत्नी का इलाज भी एसकेएमसीएच में ही चल रहा है हालांकि वह कोरोना संक्रमित नहीं हैं. सामान्य वार्ड में उनका इलाज किया जा रहा है.

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वहीं दूसरे मामले में बालूघाट इलाके में मां के कोरोना संक्रमित होने के बाद बेटे-बहू ने उनको खाना देने से इंकार कर दिया जबकि सब एक ही घर में रहते है. बेंगलुरु में रह रही बेटी ने अपनी मां तक खाना पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया और फोन के जरिये अलग-अलग संगठनों से गुहार लगाई तब जाकर उसको खाना मिला. बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनके बेटे-बहू पहले से ही उनसे अलग रहते हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमित होने के बाद भी वे लोग नहीं आए. सोशल मीडिया पर मामला सामने आने के बाद समाज के लोगों ने ही उनकी देखरेख शुरू की.

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