सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या केस से जुड़े संदीप सिंह का मुजफ्फरपुर से भी था नाता
- सुशांत सिंह राजपूत के करीबी दोस्तों में संदीप सिंह का नाम भी शामिल है. कहा जा रहा है कि सीबीआई सुशांत के मामले में संदीप सिंह से भी पूछताछ कर सकती है. संदीप सिंह मुजफ्फरपुर के चतुर्भुज इलाके के रहने वाले हैं. 90 के दशक में उनकी मां मुजफ्फरपुर को छोड़ मुंबई बस गई थीं.

मुजफ्फरपुर. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत में सीबीआई जांच में एक नाम काफी चर्चा में है और वह है उनके दोस्त संदीप सिंह का. क्योंकि सीबीआई जांच की पूछताछ की कड़ी में संदीप सिंह का नाम भी हो सकता है जिससे सीबीआई पूछताछ कर सकती है. आपको बता दें कि संदीप सिंह मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं और उनका जन्म भी यही हुआ था. उनका मकान मिठनपुरा थाने के चतुर्भुज इलाके में था. जानकारी के अनुसार 90 के दशक में उनकी मां ममता मुजफ्फरपुर को छोड़कर मुंबई बस गई थीं. वहां संदीप ने फिल्मी दुनिया में अपना करियर बनाया. फिलहाल संदीप अपनी मां ममता के साथ मुंबई के खारघार में रहते हैं. उनकी एक बहन भी हैं.
संदीप वर्तमान में एक प्रोडक्शन हाउस चला रहे हैं. इसी की वजह से संदीप रिया और सुशांत के करीब आए थे. संदीप को सुशांत के एक अच्छे अच्छे दोस्तों में गिना जाता है. सुशांत की मौत के बाद संदीप उनके फ्लैट पर पहुंचने वालों में से एक थे. इसके साथ ही संदीप ने सुशांत की मौत के संबंध में सारी कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को भी पूरा किया था.
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संदीप सिंह की पढ़ाई मुजफ्फरपुर और मुंबई में हुई है. बताया जाता है कि संदीप को एक पहचान वाले की मदद से बॉलीवुड में बतौर स्पॉटबॉय के रूप में काम मिला. इसके बाद करीब 4 साल की मेहनत के बाद उन्होंने अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस खोला. संदीप अब तक चार बड़ी फिल्मों को प्रोड्यूस कर चुके हैं.संदीप का सुशांत से परिचय दिया चक्रवर्ती नहीं कराया था. संदीप रिया के करीबियों में से भी एक हैं.
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90 के दशक में संदीप सिंह की मां ममता के साथ एक घटना हुई इसके बाद वह शहर छोड़कर मुंबई चली गई. अपने साथ अपनी बेटी संदीप और बेटी को भी ले गई. इन बीते सालों में ममता से एक बार ही मुजफ्फरपुर आईं हैं.कुछ काम करके वह दोबारा मुम्बई लौट गई. उस वक्त वे स्टेशन रोड पर एक होटल में रुकी थीं. ममता की बहन किरण और भाई दिलीप आज भी मुजफ्फरपुर में ही रहते हैं.
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मुजफ्फरपुर के मुनव्वर हुसैन ममता के पड़ोसी थे. उन्होंने बताया कि कई साल पहले ममता से एक बार मुंबई के होटल में मुलाकात हुई थी. इस दौरान उन्होंने अपना दुख दर्द भी मेरे साथ साझा किया था. उन्होंने बताया कि किस तरह से मुजफ्फरपुर से आने के बाद उन्होंने अपना भरण-पोषण किया है. उस वक्त वह एक होटल में म्यूजिकल प्रोग्राम किया करती थीं. इससे ही उनका परिवार चलता था.
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आसपास के लोगों ने बताया कि ममता साल 2000-01 के बीच मुजफ्फरपुर आई थीं और स्टेशन रोड के एक होटल में करीब एक सप्ताह तक रुकी थीं. इस दौरान उन्होंने मुजफ्फरपुर में वह मकान बेच दिया जिसमें वह रहती थीं. रुपए लेकर वे वापस मुंबई चली गईं. इसके बाद फिर ममता कभी मुजफ्फरपुर नहीं आईं. बताया जाता है कि उनकी अपनी बहन किरण और भाई दिलीप से भी बहुत कम ही बातचीत होती है.
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एक अपराधी ने नब्बे के दशक में एक दबंग के इशारे पर ममता को गोली मारी मारी थी. लेकिन वह बच गई थीं। उस समय मुजफ्फरपुर में अपराध चरम पर था और जमीन हड़पने का भी खेल शुरू हुआ था. शायद इसीलिए ही ममता ने मुजफ्फर छोड़ने छोड़ने का फैसला किया था. ममता के मुजफ्फरपुर के मकान में साल 2014 में एक सीबीआई इंस्पेक्टर की भी रहस्यमय तरीके से मौत भी हो चुकी है.
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