उम्मीद बनी गांव की ग्रेजुएट बहुएं,बेटियों को इंटर-मैट्रिक के लिए कर रहीं शिक्षित
- कोरोना महामारी में हुए लॉकडाउन के कारण गरीब बच्चियों की पढ़ाई बंद थी औऱ वो मेहनत-मजदूरी करने पर मजबूर हो गई थी. ऐसे में गांव की ही पढ़ी लिखी बहुओं ने ग्रुप बनाकर इन बेटियों को मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई करा रही हैं.
मुजफ्फरपुर. कोरोना महामारी के दौरान सभी स्कूल कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद है. ऐसे में गरीब बेटियों के पास पढ़ाई करने का कोई साधन भी नहीं हैं. इस कारण इनमें से कई बेटियां मेहनत मजदूरी करने पर मजबूर हो गई हैं. इन गरीब बेटियों के लिए गांव की पढ़ी-लिखी बहुएं आशा की किरण बनकर सामने आई. गांव की शिक्षित बहुओं ने एक ग्रुप बनाकर इन गरीब बेटियों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया. सभी इस ग्रुप के तरह बेटियों को मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई करा रही हैं.
महिलाओं ने 'उम्मीद' नाम से ग्रुप बनाकर इसकी शुरुआत की और अब इस ग्रुप में कई महिलाएं और शिक्षिकाएं भी शामिल हुई हैं. इसके साथ ही महानगरों में भी अब इस ‘उम्मीद’ की गूंज पहुंचने लगी हैं. इन महिलाओं के हौसले को देख अब कई संस्थाएं ऐसी गरीब बच्चियों को इनके सिलेबस की किताबें और जरूरी चीजें उपलब्ध कराने के लिए आगे आ रहे हैं. अक्टूबर 2020 में औराई, बंदरा, मुशहरी समेत अन्य प्रखंड से शुरू हुई इस 'उम्मीद' ग्रुप में अब औराई, बंदरा, मुशहरी से भी महिलाएं जुड़ी हैं. कुछ जगहों पर पढ़ाई शुरू हो चुकी हैं, वहीं कई जगह एक जुलाई से पढ़ाई शुरू होगी.
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गांव की इन बहूओं ने उम्मीद ग्रुप बनाकर पिछले साल 40 गरीब बेटियों को मैट्रिक और इंटर की तैयारी कराई थी. 40 में से 38 बच्चियां बेहतर अंक के साथ पास हुई हैं, जिसमें 28 बच्चियों ने 2021 की मैट्रिक और इंटर परीक्षा में फर्स्ट और सेकेंड डिवीजन रैंक हासिल किया.
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