कब है छठ 2021: जानें महापर्व छठ पूजा की डेट, खरना, सुबह- शाम अर्घ्य मुहूर्त से जुड़ी सारी जानकारी

Pallawi Kumari, Last updated: Thu, 30th Sep 2021, 1:49 PM IST
  • छठ पूजा की धूमधाम देशभर में देखने को मिलती है. वैसे तो पूरे साल कई तीज-त्योहार आते हैं. लेकिन छठ पूजा को हिंदुओं का खास त्योहार माना जाता है. यही कारण है कि इसे महापर्व कहा जाता है. आइये जानते हैं इस साल छठ पूजा कब है और और छठ पूजा से जुड़ी विधि-विधान, खरना और सुबह शाम का अर्घ्य मुहूर्त.
महापर्व छठ पूजा के नहाय खाय, खरना ,सूर्य पूजन एवं अर्घ्य से जु़ड़ी सारी जानकारी.

दिवाली के छह दिन बाद ही छठ पूजा शुरू हो जाती है. वैसे तो साल में दो बार छठ पूजा मनाई जाती है. चैत्र शुक्ल षष्ठी व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को दो बार छठ पूजा होती है. लेकिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी में पड़ने वाला छठ पूजा ज्यादा प्रचलित है. इस बार छठ पूजा का त्योहार 8 नवंबर से शुरू हो रहा है. छठ पूजा पूरे चार दिनों तक चलता है. इसे हिंदूओं का सबसे कठिन व्रत कहा जाता है. इसमें छठ करने वाली व्रती पूरे 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती है. आइये जानते हैं चार दिनों तक मनाए जाने वाले छठ पूजा से जुड़ी विधि-विधान, नियम पूजा और अर्घ्य से जुड़ी जानाकरी.

8 नवंबर 2021 (पहला दिन)- छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाय के नाम से जाना जाता है. नहाय-खाय से ही छठ पूजा की शुरूआत हो जाती है. इस दिन घर की साफ-सफाई पूरी तरह से की जाती है और अगले तीन दिनों तक घर के सभी लोगों के लिए भी सात्विक भोजन ही बनाता है. नहाय खाय के दिन अरवा चावल, लौकी की सब्जी और अन्य कई तरह के भोजन बनाए जाते हैं. इसे भोग लगाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है.

Chhath puja 2021: छठ पूजा कब है? जानें नहाय खाय,सूर्य पूजन एवं अर्घ्य का सही समय

9 नवंबर 2021 (दूसरा दिन)- छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है. इस दिन शाम को मिट्टी के चूल्हे में प्रसाद के रूप में खीर बनता है.शाम को खरना पूजा के दौरान व्रती पूजा कर यही खीर खाती है और इसके बाद अगले 2 दिनों तक अन्न जल ग्रहण नहीं करती. व्रत का पारणा छठ के समापन के बाद ही किया जाता है खरना के दिन विशेषकर गुड़ की खीर, घी की रोटी या पूड़ी और फलों का प्रसाद होता है.

10 नवंबर 2021 (तीसरा दिन)- छठ के तीसरे दिन को संध्या अर्घ्य दिया जाता है. यानी डूबते हुए सूर्य की अराधना की जाती है. बांस के सूप में फल-फूल व ठेकुआ का प्रसाद सजाकर सूर्य देव को जल या दूध से अर्घ्य दी जाती है.

11 नवंबर 2021 (चौथा दिन)- छठ पूजा के चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दी जाती है इसलिए इसे उषा अर्घ्य के नाम से भी जाता है. इस दिन सूर्योदय से पहले ही नदी या तालाब पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य दी जाती है. सूर्य देव से अपनी मनोकामना मांगने के बाद व्रती प्रसाद ग्रहण कर पारण करती है.

छठ पूजा अर्घ्य का मुहूर्त -

10 नवंबर 2021 (संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय : शाम 5 बजकर 30 मिनट

11 नवंबर 2021 (उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय :सुबह 6 बजकर 40 मिनट

Chhath 2021: जानें इस बार कब है छठ पूजा? क्यों कहा जाता है इसे महापर्व ?

 

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