मुजफ्फरपुर: एनएचएआई की अनदेखी के चलते पांच हजार घर जूझ रहे पेयजल संकट से
- एनएच 28 के चौड़ीकरण के दौरान वाटर सप्लाई की लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण शहर की 24 हजार की आबादी जल संकट से सालों से जूझ रही है. नगर आयुक्त की ओर से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक को कई बार पत्र लिख समस्या से अवगत कराया गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही.
मुजफ्फरपुर. शहर के करीब पांच हजार घरों की 24 हजार की आबादी चार साल से पेयजल संकट से जूझने को मजबूर है. इसका कारण एनएचएआई की अनदेखी है. गौर हो कि एनएच 28 के चौड़ीकरण के दौरान भगवानपुरा चौक से दादर पुल तक की जलापूर्ति लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी, यह करीब चार साल पहले की बात है. लोग पेयज सप्लाई ना होने से आक्रोशित हैं. नगर निगम की ओर से एनएचएआई से पाइप लाइन को बदलने या फिर राशि उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है लेकिन एजेंसी अपनी मनमानी कर रही है और नगर निगम की मांग की अनदेखी की जा रही है.
निगम के विरोध के बाद एनएचएआई ने पहले अपने खर्च पर पाइपलाइन की मरम्मत कराने की बात कही लेकिन कुछ नहीं किया गया. उसके बाद एनएचएआई द्वारा निगम को प्राक्कलन उपलब्ध कराने को कहा गया. निगम की ओर से 90 लाख का प्राक्कलन बनाकर एनएचएआई को भेजा गया. इसके बावजूद एनएचएआई को राशि उपलब्ध नहीं कराई गई.
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बाद में एनएचएआई की ओर से राशि देने की जगह स्वयं पाइन लाइन के मरम्मत की बात कही और निगम को सिर्फ पर्यवेक्षण करने को कहा. बदले में उसने निगम को पर्यवेक्षण मद में पांच लाख रुपए का भुगतान भी किया लेकिन मरम्मत का काम अब तक नहीं हो पाया है. एनएचएआई की अनदेखी के चलते भगवानपुर से संजय सिनेमा पुल तक के इलाकों के कई घरों में पेयजल सप्लाई नहीं हो रही है. लोगों को रोजाना इस वजह से परेशानी झेलनी पड़ रही है. स्थानीय वार्ड पार्षद और निगम अधिकारी भी लोगों की नाराजगी झेल रहे हैं. नगर निगम के नगर आयुक्त भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक को कई बार पत्र लिख चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. स्थानीय वार्ड पार्षद सुषमा देवी का कहना है कि एनएचएआई की उदासीनता के कारण लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है.
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