आज शुक्रवार को करें मां लक्ष्मी की पूजा और आरती, धन से भरा रहेगा भंडार

Pallawi Kumari, Last updated: Fri, 26th Nov 2021, 6:48 AM IST
  • शुक्रवार के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. मात लक्ष्मी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और दरिद्रता का वास नहीं होता. आइये जानते हैं शुक्रवार के दिन कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा और आरती.
शुक्रवार के दिन करें मा लक्ष्मी की पूजा

हिंदू धर्म में वैसे तो सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन माता लक्ष्मी की खास पूजा की जाती है. शुक्रवार के दिन  की गई पूजा से मां प्रसन्न होती है और घर पर वास करती है. जिस व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा बन जाती है उसे कभी भी धन की संकट का सामना नहीं करना पड़ता.

घर पर सुख-समृद्धि बनी रहे और धन की कभी कमी न हो ऐसा भला कौन नहीं चाहता. लेकिन इसके लिए मां लक्ष्मी की उपासना जरूरी होती है. धन की वृद्धि और सुख संपन्नता के लिए देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करना जरूरी होता. धार्मिक मान्यता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा और आरती क रने से उनका आशीर्वाद मिलता है. अगर आप भी आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं तो आज शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा और आरती जरूर करें.

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मां लक्ष्मी पूजा विधि- सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. पूजा के लिए मां लक्ष्मी का आसन तैयार करें. चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर आम के पत्ते और फूल से आसन को सजाएं और मां की मूर्ति या फोटो रखें. इसके बाद एक कलश स्थापित करें. मां को तिलक करें, फूल माला चढ़ाए और भोग लगाए. मां के सामने एक दीप जलाएं और मां लक्ष्मी की आरती करें. शाम को भी फिर से माता की आरती करें और आरती के बाद एक दीप तुसली के पास रखें. आरती के बाद घर के सभी सदस्य को आरती दें. इस दिन नमक का सेवन न करें.

मां लक्ष्मी की आरती-

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

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