कोरोना की शर्तों के साथ मुजफ्फरपुर में मनेगा मुहर्रम, जानें कब दिखेगा चांद

Smart News Team, Last updated: Wed, 19th Aug 2020, 11:23 PM IST
  • इस्लामिक मुहर्रम का चांद गुरुवार को दिख गया तो मुहर्रम शुक्रवार को होगा और अगर शुक्रवार को चांद दिखता है तो मुहर्रम शनिवार को होगा. सरकार ने ताजिया-जुलूस पर इस साल रोक लगाई है.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

मुजफ्फरपुर. इस्लामिक कैलेंडर पहला महीना मुहर्रम होता है. इसकी शुरुआत चांद देखकर होती है. ऐसे में, अगर आज चांद आज देखा जाता है तो उसके अगले दिन पहली मुहर्रम होगी. मतलब चांद गुरुवार को दिखता है तो पहला मुहर्रम शुक्रवार को होगा और शुक्रवार को दिखा तो पहला मुहर्रम शनिवार को मनाया जाएगा. 

चांद देखने के लिए शहर काजी मौलाना आलम रजा नूरी, शहर काजी मौलाना रियाज अहमद हशमती और शहर काजी हाफिज अब्दूल कुद्दूस हादी ने लोगों से अपील की है कि गुरुवार को चांद देखे. चांद देखने के बाद लोग उनसे संपर्क कर सकते हैं. जिससे मुहर्रम के पहले चांद की तस्दीक हो सके.

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का नया साल है और शिया समुदाय में इसका विशेष महत्व है. एक बाद चांद दिख जाए उसके बाद शिया समुदाय में मजलिसों का दौर शुरू हो जाता है.  

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 इस बार कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए कोई भी बड़ी मजलिस नहीं होगी और ना ही कोई अलम जुलूस निकाला जाएगा. इस बार ना तो कोई पैकी बनेंगे और ना ही पैकियों की गश्त की जाएगी. लोगों से अपील की जा रही है कि वो घरों में रह कर ही मुहर्रम मनाए.  

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मुसलमान के तीन मुख्य त्यौहार की तारिख इसी इस्लामिक कैलेंडर से तय की जाती है. जिसमें ईद इस्लामिक कैलेंडर के पहले 10वें महीने की पहली तारीख को मनाई जाती है. इसके अलावा शब-ए-बरात और शब-ए-कद्र भी इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक ही मनाया जाता है. 

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