मुजफ्फरपुर नगर निगम की बैठक 10 दिसंबर को, प्रमुख एजेंडों पर होगी चर्चा
- महापौर की ओर से बुलाई गई नगर निगम की बैठक हंगामेदार होने की संभावना है. महापौर की ओर से रखे कई प्रमुख प्रस्तावों पर विचार-विमर्श के बाद फैसले लिए जा सकते हैं. इस बैठक में जनप्रतिनिधि और अधिकारी आमने सामने होंगे.
मुजफ्फरपुर. नगर निगम की अगली बैठक अब 10 दिसंबर को होगी. महापौर सुरेश कुमार की ओर से निगम बोर्ड की यह बैठक बुलाई गई है. इसमें जनप्रतिनिधि और अधिकारी एक बार फिर आमने सामनाे होंगे. महापौर की ओर से रखे गए प्रस्तावों को लेकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बैठक में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच बैठक में शीत युद्ध चलेगा. बैठक में चर्चा करने के लिए एक दर्जन एजेंडे तय किए गए हैं.
गौर हो कि एक बार फिर बोर्ड की बैठक में निगम बोर्ड, सशक्त स्थायी समिति, महापौर, वार्ड पार्षदों एवं नगर आयुक्त के अधिकारों पर बहस होने के आसार है. अपर नगर आयुक्त एवं तीन उप नगर आयुक्त द्वारा अब तक क्या किया गया, बैठक में यह भी चर्चा का विषय रहेगा. इसके अलावा वार्ड जमादारों एवं अंचल निरीक्षकों के तबादले, नगर निगम की आय-व्यय को सार्वजनिक करने पर बैठक में चर्चा होगी और कई अहम मुद्दों पर फैसला लिया जाएगा. इस बार नगर निगम की राजनीति के किंग मेकर रहे विधायक विजेंद्र चौधरी एक दशक बाद बोर्ड की बैठक में शामिल होने की संभावना है.
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बैठक में प्रॉपर्टी टैक्स का निर्धारण नहीं करने और इसके कारण हो रही राजस्व की हानि मुख्य मुद्दा रहेगी और विकास के मुद्दों पर भी विमर्श होगा. महापौर द्वारा चर्चा के लिए रखे गए प्रस्तावों से यह साफ है कि 10 दिसंबर को होने वाली बैठक हंगामेदार होगी. निगम में अधिकार को लेकर हमेशा टकराव होता रहा है. नगर आयुक्त के फैसले टकराव का कारण बनते हैं. महापौर का कहना है कि अधिकारी बिहार पालिका अधिनियम द्वारा तय अधिकारों का हनन करते हैं. बोर्ड एवं सशक्त स्थायी समिति को अधिकार मिला है, उसका हनन करते हैं. तब उनको आवाज उठानी पड़ती है.
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