डेंगू के हाई रिस्क जोन में शामिल इलाकों में बचाव को लेकर छिड़काव अभियान शुरू
- डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से वार्ड नंबर 20 और 21 में सर्वे शुरू करवा दिया गया है. सीएस के मुताबिक डेंगू की पहचान के लिए आइजीएम जांच जरूरी है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ही डेंगू की पुष्टि होगी। इसके साथ ही हाई रिस्क जोन इलाकों में छिड़काव शुरू कर दिया गया है.
मुजफ्फरपुर. शहर के कई इलाकों में डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर के हाई रिस्क जोन में शामिल इलाकों में बचाव के लिए छिड़काव अभियान शुरू कर दिया है. सीएस डॉ.एसपी सिंह बताया कि वार्ड नंबर 20 और 21 में पचास डेंगू मरीज होने की सूचना पर सर्वे करवाया गया है. जिन लोगों पर सर्वे करवाया गया उन लोगों में से किसी में भी अभी डेंगू के लक्षण नहीं मिले हैं. बता दें कि पहले दिन 10 लोगों पर सर्वे करवाया गया था. सीएस के मुताबिक केवल बुखार व प्लेटलेट कम होने को ही डेंगू नहीं कहा जा सकता। डेंगू की पहचान के लिए आइजीएम जांच जरूरी है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ही डेंगू की पुष्टि होगी।
जिला वेक्टरजनित रोग पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि वार्ड नं 20 में डोमा पोखर सूतापट्टी, श्याम मंदिर परिसर वाली रोड गली, बैंक ऑफ बड़ौदा गली, डॉ. एजाजी रोड, लक्ष्मी नारायण रोड एवं जवाहरलाल रोड के सभी नालों, जलजमाव स्थलों पर लार्वा साइडल टेमीफस दवा का छिड़काव कराया गया।
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सीएस डॉ.एसपी सिंह ने बताया कि एसकेएमसीएच में मुफ्त जांच की सुविधा उपलब्ध है. डेंगू को सरकार की ओर से जारी बीमारियों की सूची में शामिल किया गया है. निजी पैथोलॉजी केंद्रों में अगर किसी मरीज में डेंगू की पुष्टि होती है, तो अविलंब उसकी जानकारी जिला मलेरिया कार्यालय या सीएस कार्यालय में लिखित में देने को कहा गया है. सर्वे में यदि पाया गया कि डेंगू की रिपोर्ट किसी मरीज के पास है और उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी गई तो जांच केंद्र संचालक पर मुकद्दमा होगा.
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