एईएस से बचाव को 15 मार्च से विशेष खोज अभियान, आशा करेंगी कुपोषित बच्चों की पहचान

Smart News Team, Last updated: Fri, 12th Mar 2021, 1:45 PM IST
  • एईएस बीमारी के चलते बीते वर्षों में कई बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इस बार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है. 
सांकेतिक तस्वीर

मुजफ्फरपुर. जिले में 15 मार्च से एईएस से बचाव के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की जाएगी. इस अभियान के तहत गर्मियों में बच्चों के लिए जानलेवा साबित होने वाली इस बीमारी की रोकथाम के प्रयात हेतु यह कदम उठाया गया है. अभियान के तहत आशा वर्कर्स घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों की खोज करेंगी. उसके बाद उन बच्चों का इलाज सदर अस्पताल स्थित जिला पोषण पुनर्वास केंद्र पर किया जाएगा. इस संबंध में जिला वेक्टर जनति रोग पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार ने जानाकारी दी.

उन्होंने बताया कि समय पर कुपोषित बच्चों की पहचान होने पर बच्चा एईएस से पीड़ित नहीं होगा. सामान्य बच्चों की तुलना में पांच साल से कम आयु के कुपोषित बच्चों में ही मौत का खतरा ज्यादा होता है. उनकी समय पर पहचान होने से सही इलाज मिलने पर उन्हें इस खतरे से बचाया जा सकता है. गौर हो कि एईएस के कारण गत वर्षों में कई बच्चों ने अपनी जान गंवाई है. इसी के मद्देनजर इस बीमारी की रोकथाम के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर अभियान चलाया जा रहा है.

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डॉ. सतीश के मुताबिक अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आशा वर्कर आंगनबाड़ी सेविका के साथ मानक से कम वजन वाले नवजात बच्चों की भी सूची तैयार करेंगी. जिन बच्चों में लक्ष्ण दिखाई देंगे उन्हें एएनएम की मदद से उन्हें स्वास्थ्य केंद्र या पुनर्वास केंद्र रैफर किया जाएगा. यहां भर्ती होने वाले बच्चों के साथ उनकी माता को भी सेहत के लिए जरूरी दवा और खुराक दी जाएगी. ऐसे बच्चों को सही इलाज मिलने पर एईएस के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है.

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