Chhath Puja 2021: छठ पूजा के तीसरे दिन आज डूबते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य,शाम 5:30 बजे है अर्घ्य का समय
- चार दिनों तक चलने वाला महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. आइये जानते हैं अस्ताचलगामी सूर्य को आज कितने बजे अर्घ्य दिया जाएगा.

संतान प्राप्ति व उसकी उन्नति और परिवार में सुख समृद्धि की कामना के लिए छठ का पर्व किया जाता है. हिंदूओं के धार्मिक पर्व में छठ पूजा का सबसे कठिन महत्व होता है. ये पावन पर्व जितना फलदायी होता है, उतना ही कठिन भी होता है. इसमें व्रती लगातार 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है. छठ पूजा की शुरुआत 8 नवंब को नहाय खाय के साथ शुरू हो चुकी है. आज 10 नवंबर छठ के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य यानी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. ईये जानते हैं आज कितने बजे दिया जाएगा डूबते सूर्य को अर्घ्य.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार छठ पूजा के तीसरे दिन बुधवार षष्ठी को संध्या 5:30 बजे सूर्यास्त होगा. इस समय पर ही संध्या का अर्घ्य देना है. बताए गए समय पर आप सूर्य देव को संध्या का अर्ध्य दे सकते हैं. क्योंकि उसके बाद सूर्यास्त हो जाएगा और अर्घ्य मान्य नहीं होगा. हालांकि अलग अलग शहरों में सूर्यास्त के समय में कुछ मिनट का अंतर होता है. लेकिन शाम 5:30 बजे तक आप संध्या अर्घ्य दे दें.
छठ पूजा में कई रीति-रिवाज, विधि-विधान और नियम है. इसलिए इस पर्व से जुड़ी ऐसी कई परंपराएं हैं, जिसे लोग विस्तार से जानने की रुचि रखते हैं. इन्हीं में एक सवाल यह भी है कि हम रोज सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल चढ़ाते हैं फिर छठ पर्व पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य क्यों दिया जाता है.
दरअसल हिंदू धर्म में छठ अकेला ऐसा पर्व है, जिसमें उगते सूर्य के साथ साथ डूबते सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है. कहा जाता है कि सूर्य देव की दो पत्नियां है. शाम के समय वह प्रत्यूषा और सुबह के उषा के साथ होते हैं. इसलिए छठ के तीसरे दिन सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है. कहा जाता है कि शाम के समय सूर्य की आराधना से जीवन में संपन्नता आती है.
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