भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए पूजा के आखिर में जरूरी है 'आरती', जानें सही तरीका
हिंदू धर्म में कई देवी-देवता होते हैं. हर देवी देवता से जुड़े विशेष व्रत, पूजा-पाठ और त्योहार होते हैं. सभी पूजा और व्रत की अलग-अलग विधियां होती हैं. लेकिन शास्त्रों के अनुसार आरती के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है. इसलिए आप जिस भी देवी-देवता की पूजा करते हैं उनसे जुड़ी आरती पूजा के अंत में अवश्य करते हैं. इसके घर या मंदिर में पूजा या किसी धार्मिक अनुष्ठान के बाद आरती करना जरूरी होता है. क्योंकि आरती के बगैर कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है और उसका फल नहीं मिलता.
सिर्फ धार्मिक मान्यता के अनुसार ही नहीं बल्कि वास्तु के अनुसार भी आरती को उपयोगी माना जाता है. वास्तु के अनुसार आरती करने से पूजा स्थल और घरों का वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्क उर्जा पैदा होती है. इतना ही आरती गाते हुए भक्त की भक्ति भगवान तक पहुंचती है और उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है.
Video: गुस्से में आया शख्स, खुद से लंबे आदमी को मारने के लिए लाया कुर्सी, फिर...
लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूजा के साथ-साथ आरती भी सही तरीके से होना बेहद जरूरी है.इसलिए इस खबर में हम आपको बताएंगे आरती करने का सही तरीका क्या है और कैसे आप अपनी आरती से भगवान को प्रसन्न कर सकते हैं.
आरती करने का सही तरीका-
1. घर या मंदिर में सुबह और शाम दो बार आरती करनी चाहिए. ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है.
2. आरती करने से पहले तीन बार पुष्पांजलि देनी चाहिए.
3. आरती के लिए प्रयोग की जाने वाली रुई की बत्ती या कपूर आदि का प्रयोग हमेशा विषम संख्या में होनी चाहिए. इस बात का खास ध्यान रखें.
4. आरती से पहले शंख जरूर बजाएं. कहां है कहा जाता है कि शंख बजाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है और वातावरण शुद्ध होता है. आरती करने से पहले और आरती के समापन के बाद भी शंख बजाना चाहिए.
5. आरती पूरी होने के बाद पूरे घर आरती दिखाना चाहिए. साथ ही घर के सभी सदस्य को आरती जरूर लेनी चाहिए.
Video: फायर पान खाते ही चकराया महिला का सिर, दुकान में ही कर दी ये घिनौनी हरकत