जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, ट्राईबल मेडिकल एसोसिएशन ने मांगों को बताया वाजिब

Smart News Team, Last updated: Wed, 10th Mar 2021, 8:18 AM IST
  • रांची में रिम्स के साथ अन्य 6 मेडीकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरोंने ओपीडी बंद कर के अपनी मांगों को पूरा करने के लिए हड़ताल की. हड़ताल से हजारों मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है.ट्राईबल मेडिकल एसोसिएशन ने जूनियर डॉक्टरों की मांगों को वाजिब बताया है.
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल,  (फाइल तस्वीर)

रांची। झारखंड के रांची में स्थित रिम्स के साथ साथ राज्य के अन्य छह मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरोंने ओपीडी बंद कर के अपनी मांगों को पूरा करने के लिए हड़ताल की. रिम्स, पीएमसीएच, धनबाद, एमजीएम, जमशेदपुर एवं दुमका, हजारीबाग व पलामू मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों द्वारा ओपीडी बंद किए जाने के कारण अस्पताल पहुंचे हजारों मरीजों को इलाज कराए बगैर ही लौटना पड़ा.

मरीजों की तादाद इतनी ज्यादा थी कि केवल रिम्स में ही 1200 से ज्यादा मरीजों का इलाज एनएचआई हो पाया. अगर सभी छह मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों की बात करें तो जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से हजारों मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है. दूरदराज से आए मरीज इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर रहे.

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रिम्स में सुबह सुबह पर्ची काउंटर खुलने के फौरन ही जितने मरीजों की पर्ची कटा ली थी, उनका इलाज तो हो गया, लेकिन जूनियर डॉक्टरों ने कुछ देर बाद ही पर्ची काउंटर बंद करा दिया था. काउंटर बंद होने के बाद सैकड़ों मरीजों की पर्ची ही नहीं कट सकी जिसकी वजह से उनका इलाज नहीं हो पाया. अगर आंकड़ों की बात की जाए तो रिम्स के विभिन्न विभागों के ओपीडी में मंगलवार को लगभग 365 मरीजों का इलाज हुआ है लेकिन जिन मरीजों की पर्ची नहीं कटी उनको इलाज कराने के लिए जगह जगह भटकना पड़ रहा था.

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जुनियर डॉक्टरों द्वारा की गई इस हड़ताल पर ट्राईबल मेडिकल एसोसिएशन ने जूनियर डॉक्टरों की मांगों को वाजिब बताया है. टीएमए के सचिव डॉ निशिथ एक्का ने सरकार से लंबित एरियर का जल्द से जल्द भुगतान करने का अनुरोध किया है ताकि मरीजों के लिए ओपीडी की सुविधा फिर से सुचारू रूप से शुरू की जा सके.

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