बिहार के डॉ. अरविंद ने साउथ अफ्रीका में बनाई दो फिल्में, अतंरराष्ट्रीय अवार्ड के लिए हुई चयनित
- बिहार समस्तीपुर के बोल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरविंद कुमार चौधरी ने साउथ अफ्रीका के घाना में मानव तस्करी पर दो फिल्में बनाई हैं, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहना मिली. फिल्म को अंतरराष्ट्रीय अवार्ड के लिए चयनित किया गया है. अपने काम से उन्होंने बिहार का नाम रौशन कर दिया.

कहा जाता है शौक और प्रतिभा कोई बाधा नहीं जानती. ऐसे ही शौक और प्रतिभा का पूरा करने का उदाहरण है बिहार के डॉक्टर अरविंद कुमार चौधरी. बिहार में जन्मे डॉ. अरविंद ने साउथ अफ्रीका के घाना में ऑगबोजो और एक्रॉस द बॉर्डर नाम से दो फिल्में बनायी है. यह अंतरराष्ट्रीय फिल्म अवार्ड के लिए चयनित हुई हैं. बड़े पर्दे पर यह फिल्म 09 और 10 अक्टूबर को रीलीज हो चुकी है. ऑगबोजो नाइजेरिया और अंकारा में रीलीज हुई. फिल्म में भारत से हो रही मानव तस्करी पर आधारित है.
ओगबोजो फिल्म ऐसी पांच लड़कियों के दर्द को दर्शाती है, जिन्हें तकवा (घाना) से लाकर वेश्याओं के रूप में काम पर लगाया गया. इस फिल्म के सह-निर्देशक डेस्टिनी ऑस्टिन ओमोन के साथ डॉक्टर अरविंद कुमार चौधरी भी हैं. वहीं 'अक्रॉस द बॉर्डर' नामक फिल्म में डॉ अरविंद चौधरी ने 'मिस्टर मुंबई' की भूमिका निभाई है.
अमिताभ कमला पसंद विज्ञापन से हटे, अजय देवगन, शाहरुख पर विमल छोड़ने का दबाव
बिहार के दरभंगा जिले में जन्मे डॉ. अरविंद ने 2001 में पटना के मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच) से एमबीबीएस में स्नातक किया और फिर भारत में काम करने लगे. इसके बाद 2017 में दुबई के लिए अपनी चिकित्सा पद्धतियों को पूरा करने के लिए रवाना हुए, वहां ये इंटरनेशनल में एस्टर क्लिनिक में काम कर रहे हैं.
डॉ. अरविंद बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही एक्टिंग और फिल्म निर्माण का शौक रहा है. लेकिन डॉक्टरी पेशे के कारण ये शौक कहीं गुम हो रहा था. इनके माता-पिता दोनों समस्तीपुर में डॉक्टर हैं. डॉ. अरविंद बेंग्लुरु में डॉक्टरी कर रहे थे. तीन साल पहले बेंग्लुरु से दुबई आ गये.उन्होंने कहा कि, दुबई भारत से नजदीक है. वहां काम का समय सीमित है. इस कारण मुझे मेरे शौक पूरा करने के लिए समय मिला. कुछ दोस्तों के साथ मिलकर फिल्म बना ली. पिछले साल कोरोना काल में दुबई में छुट्टी नहीं थी. लेकिन मरीजों की संख्या कम थी. इस वजह से फिल्म बनाने में कामयाब रहे. दुबई में फिल्म की सारी शूटिंग पूरी हुई है.
डॉ. अरविंद की एक बेटी है. लेकिन रुढ़िवादी सोच के कारण बेटी को वह आजादी नहीं दे पा रहे हैं. समाज में बेटियों के साथ हो रही अनहोनी की घटना को सोचते हुए उन्होंने खुद फिल्म बनाने का मन बना लिया.
कंगाली में अमिताभ बच्चन का मसीहा बने थे धीरूभाई अंबानी, बिग बी का छलका था दर्द
अन्य खबरें
गुरमीत चौधरी का बड़ा एलान,पटना और लखनऊ में बनवाएंगे 1000 बेड़ वाला अस्पताल