Chhath Puja 2021: यहां जानें, छठ पूजा की सामग्री, प्रसाद, पूजा-विधि, व्रत नियम
- इस बार छठ पूजा का त्योहार 8 नवंबर से शुरू हो रहा है. छठ पूजा पूरे चार दिनों तक चलता है. इसे हिंदूओं का सबसे कठिन व्रत कहा जाता है. इसमें छठ करने वाली व्रती पूरे 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती है.
दीवाली के छह दिन बाद ही छठ पूजा शुरू हो जाती है. वैसे तो साल में दो बार छठ पूजा मनाई जाती है. चैत्र शुक्ल षष्ठी व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को दो बार छठ पूजा होती है. लेकिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी में पड़ने वाला छठ पूजा ज्यादा प्रचलित है. इस बार छठ पूजा का त्योहार 8 नवंबर से शुरू हो रहा है. छठ पूजा पूरे चार दिनों तक चलता है. इसे हिंदूओं का सबसे कठिन व्रत कहा जाता है. इसमें छठ करने वाली व्रती पूरे 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती है. आइये जानते हैं चार दिनों तक मनाए जाने वाले छठ पूजा से जुड़ी विधि-विधान, नियम पूजा और अर्घ्य से जुड़ी जानाकरी.
छठ पूजा कब है?
दीवाली के छठे दिन यानी कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को छठ पर्व मनाया जाता है. छठी मइया की पूजा (Chhathi Maiya Ki Puja) की शुरुआत चतुर्थी को नहाए-खाय से होती है. इसके अगले दिन खरना या लोहंडा (इसमें प्रसाद में गन्ने के रस से बनी खीर दी जाती है). षष्ठी को शाम और सप्तमी सुबह को सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ पूजा की समाप्ति की जाती है. इस बार छठ पूजा 8 नवंबर से 11 नवंबर तक है.
छठ पूजा की सामग्री
पहनने के लिए नए कपड़े, दो से तीन बड़ी बांस से टोकरी, सूप, पानी वाला नारियल, गन्ना, लोटा, लाल सिंदूर, धूप, बड़ा दीपक, चावल, थाली, दूध, गिलास, अदरक और कच्ची हल्दी, केला, सेब, सिंघाड़ा, नाशपाती, मूली, आम के पत्ते, शकरगंदी, सुथनी, मीठा नींबू (टाब), मिठाई, शहद, पान, सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम और चंदन.
छठी मइया का प्रसाद
ठेकुआ, मालपुआ, खीर, खजूर, चावल का लड्डू और सूजी का हलवा आदि छठ मइया को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है.
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