पटना AIIMS में दो साल से ज्यादा के बच्चों के लिए कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू

Smart News Team, Last updated: Thu, 3rd Jun 2021, 6:44 PM IST
  • एम्स पटना में बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है. ट्रायल में 70-80 बच्चों के शामिल होने का अनुमान है . कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के ऊपर प्रभाव को ध्यान में रखते हुए ये तैयारी की जा रही है .
पटना में बच्चों पर शुरू हुआ कोवैक्सीन का ट्रायल .

बिहार. कोरोना वायरस के कहर अभी थमा नही है. राज्य में लगातार नए केस सामने आ रहे हैं, साथ ही कोरोना से रोजाना मौतें भी हो रही हैं. इसी बीच ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस पटना ने बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है. कोवैक्सीन एकमात्र स्वदेसी वैक्सीन है, जिसे हैदराबाद आधारित कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है.

 

बताया जा रहा है कि कोवैक्सीन के ट्रायल का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि भारत में अभी तक बच्चों के लिए किसी भी तरह की एंटी कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित नहीं हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कोवैक्सीन के ट्रायल के लिए बच्चों का रजिस्ट्रेशन बीते हफ्ते ही शुरू हो गया था. वहीं, दूसरी और सरकार की घोषणा के अनुसार देश के अलग-अलग हिस्सों में करीब 525 वालंटियर पर इसका ट्रायल किया जाएगा.

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पटना एम्स के डॉक्टर सीएम सिंह ने बताया कि इस ट्रायल में उनका लक्ष्य करीब 70 से 80 बच्चों को शामिल करने का है. उन्होंने रजिस्ट्रेशन के बाद केवल उन्हीं बच्चों को ट्रायल के लिए बुलाया है, जिनकी रिपोर्ट आरटी पीसीआर टेस्ट में नेगेटिव आई है. वैक्सीन शॉट पहले 12 से 18 उम्र की बच्चों को दिया जाएगा और उसके बाद वैक्सीन का ट्रायल 6 से 12 साल के बच्चों पर किया जाएगा.

एम्स पटना के अलावा बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल एम्स दिल्ली, ईएसआई हॉस्पिटल दिल्ली, प्रखर हॉस्पिटल कानपुर, मैसूर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट मैसूर, प्रणाम हॉस्पिटल हैदराबाद और मेडिट्रिनिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस नागपुर में किया जाएगा.

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बता दें कि कोवैक्सीन को भारत बायोटेक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मिलकर बनाया है. ट्रायल में आए नतीजों के मुताबिक वैक्सीन की प्रभावकारिता 78 प्रतिशत है. ये ट्रायल कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए महत्वपूर्ण है क्योंकि तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा असर होने अनुमान है.

 

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