विपक्ष को शाह का जवाब- रैली का चुनाव से संबंध नहीं, हमारा यकीन लोकतंत्र में

Smart News Team, Last updated: Sun, 7th Jun 2020, 5:10 PM IST
  • बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यानी रविवार को शाम चार बजे बिहार में बीजेपी की पहली वर्चुअल रैली 'बिहार जनसंवाद' को संबोधित किया।
जनसंवाद रैली के मंच पर अमित शाह

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यानी रविवार को शाम चार बजे बिहार में बीजेपी की पहली वर्चुअल रैली 'बिहार जनसंवाद' को संबोधित किया। अमित शाह ने अपनी वर्चुअल रैली से एक तरह के बिहार चुनाव का बिगुल फूंक दिया। कोरोना काल में अपनी वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया। जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस वर्चुअल रैली का बिहार चुनाव से कोई संबध नहीं है।

रैली का संबंध बिहार चुनाव से नहीं

अमित शाह ने कहा कि अभी कुछ लोगों ने थाली बजाकर रैली का स्वागत किया। मुझे अच्छा लगा देर सवेर उन्होंने मोदी जी की अपील को माना और कोरोना के खिलाफ थाली बजाकर जंग में जुड़ गए। कुछ लोगों ने इसे बिहार की चुनावी सभा कहा। मैं अभी सबसे कहना चहता हूं कि इसका चुनाव से संबंध नहीं है। 

उन्होंने कहा, ‘इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है, हम जनसंवाद और जनसंपर्क में विश्वास रखते हैं। कोरोना संकट में हम जन संपर्क के अपने संस्कार को भुला नहीं सकते। मैं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को बधाई देता हूं कि 75 वर्चुअल रैली के माध्यम से उन्होंने जनता से जुड़ने का मौका दिया है।’

देश के विकास की नींव में बिहार के व्यक्ति का पसीना

अमित शाह ने कहा 'मैं आज इस मंच से कहना चाहता हूं कि देश का कोई भी हिस्सा चाहे मुंबई, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु हो, जो विकसित है इसकी नींव में जाएंगे तो मेरे बिहार के प्रवासी मजदूर के पसीने की महक आती है। बिहार के व्यक्ति का पसीना इस देश के विकास की नींव में है।' उन्होंने आगे कहा कि करीब 1.25 करोड़ प्रवासी मजदूरों को हजारों ट्रेनों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया। उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई, पीने के पानी की व्यवस्था की गई। उनके गृह राज्यों में क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई।

यह रैली कोरोना के खिलाफ जंग में सबको जोड़ने को है

विपक्ष पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि जो वक्रदृष्टा लोग इसमें भी राजनीति देखते हैं, उन्हें मैं कहता हूं कि किसने उन्हें रोका है, दिल्ली में बैठकर मौज करने की जगह, दिल्ली से लेकर पटना और दरभंगा की जनता को जोड़ने के लिए एक वर्चुअल रैली ही कर लेते। ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है। ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है।

अमित शाह ने कहा कि साल 2014 में मोदी जी ने कहा था कि भारत का विकास जो अब तक चला उसमें पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर है। आजादी के समय जीडीपी के अंदर पूर्वी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होता था, परंतु आजादी के बाद से जिस प्रकार से सरकारें चली उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया था और परिणाम ये आया कि पूर्वी भारत पिछड़ता गया।

भारत की राजनीतिक इतिहास में पहली वर्चुअल रैली

अमित शाह ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि भारत की राजनीति के इतिहास में पहली वर्चुअल रैली में उपस्थित बिहार के सभी कार्यकर्ता भाइयों और बहनों आप सभी का मैं भाजपा की ओर से स्वागत करता हूं। आजादी के बाद जब कांग्रेस पार्टी की नेता इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया तब ये बिहार की जनता ने ही जेपी आंदोलन करके फिर से एक बार लोकतंत्र को स्थापित करने का काम किया।

बिहार ने भारत का नेतृत्व किया है

अमित शाह ने कहा कि बिहार की भूमि से सबसे पहले दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव हुआ। महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। जिसने अफगानिस्तान से लंका तक अखंड भारत के सपने को साकार किया। बुद्ध और महावीर, चंद्रगुप्त और चाणक्य की इस भूमि ने इस भारत का नेतृत्व किया है। जब कभी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों से खिलावड़ हुआ, बिहार से ही बिगुल फूंका गया।

लालूवाद बनाम विकासवाद की लड़ाई: सुशील मोदी

अमित शाह के संबोधन के पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय रहते लॉकडाउन का ऐलान कर लाखों लोगों की जान बचा ली। पीएम ने दुनिया को दवाएं दीं तो देश में करीबों को अनाज और खाते में नकदी दी। नरेंद्र मोदी यदि चीन से आंख से आंख मिलाकर बात करना जानते हैं तो बिहार की 2 करोड़ करीब महिलाओं के खातों में पैसा पहुंचाना भी जानते हैं। राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष कह रहा है कि उनका सिद्धांत लालूवाद है। एनडीए का सिद्धांत विकासवाद है। लालूवाद प्रतीक है अपहरण का, पलायन का, नरसंहार का, अंधेरे का, घोटाले, भ्रष्टाचार, चरवाहे विद्यालय का। यह लालूवाद बनाम विकासवाद की लड़ाई। इस कैंपेन से हड़कंप मच गया है। विपक्ष थाली बजा रहा है। जब रियल रैली होगी तो थाली नहीं इनकी छाती फट जाएगी।

बिहार के भाजपा कार्यालय में वर्चुअल रैली के लिए सजे मंच पर बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, सुशील मोदी, अध्यक्ष संजय जायसवाल, मंत्री मंगल पांडेय, नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार मौजूद रहे। यह रैली पूरी तरह से डिजिटल है। लेकिन पार्टी ने इसे वास्तिवक रैली में बदलने के लिए भरपूर इंतजाम किया है। भाजपा का दावा है कि देश में पहली बार किसी राजनीतिक दल द्वारा इस तरह की डिजिटल रैली हो रही है।

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