कैमूर में 52 किमी. लंबी गंगा एक्सप्रेस-वे का होगा निर्माण, कम समय में वाराणसी से कोलकाता का सफर
- बिहार के कैमूर जिले में गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा. इसके लिए अधिग्रहित की जानेवाली भूमि का सर्वे ड्रोन कैमरा के माध्यम से किया जा रहा है. इससे यूपी, बिहार झारखंड और बंगाल के बीच कनेक्टिविटी होगी. जानकारी के अनुसार बताते हैं कि काशी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे बिहार के कैमूर जिले में सबसे लंबी बनेगी.

पटना. बिहार के कैमूर जिले में गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा. इसके लिए अधिग्रहित की जानेवाली भूमि का सर्वे ड्रोन कैमरा के माध्यम से किया जा रहा है. भूमि मापी के बाद उसे चिन्हित भी किया जा रहा है. बता दें कि इस पथ के निर्माण हो जाने से यात्रियों का सफर आसान हो जाएगा और कम समय में यात्रा पूरी कर सकेंगे. मालवाहक वाहन भी समय से अपने गंतव्य स्थानों पर पहुंच जाएगा. इससे यूपी, बिहार, झारखंड और बंगाल के बीच कनेक्टिविटी होगी. जानकाबताते हैं कि काशी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे बिहार के कैमूर जिले में सबसे लंबी बनेगी. कैमूर में इस पथ की लंबाई 52 किलोमीटर होगी, जबकि रोहतास में 36 किलोमीटर, औरंगाबाद में 38 किलोमीटर, गया में 33 किलोमीटर लंबाई में सड़क का निर्माण होगा. बता दें कि यूपी के चंदौली जिले के साथ-साथ औरंगाबाद, कैमूर, रोहतास, रांची, बोकारो, पुरुलिया को अच्छी कनेक्टिविटी मिलेगी. यह सड़क कैमूर-रोहतास के दक्षिणवर्ती इलाकों से गुजरेगी.
यूपी से आनेवाली गंगा एक्सप्रेस-वे चांद की सीमा शहबाजपु सीमा से प्रवेश करेगी. फिर चैनपुर, भगवानपुर, भभुआ से होते हुए रामपुर के रास्ते रोहतास जिले के चेनारी में प्रवेश करेगी. रामपुर प्रखंड के निसिझा, इटवा, अकोढ़ी, बसिनी, गंगापुर, चमरियांव, दुबौली, पसाईं, बसुहारी, सोनारा, पछहरा, ठकुरहट, सबार आदि गांवों के अलावा जिले के 93 मौजा से एक्सप्रेस-वे गुजरेगी. कैमूर से होकर गुजरने वाले वाराणसी रांची कोलकाता एक्सप्रेस-वे का एनएचएआई टीम द्वारा सर्वे प्रारंभ कर दिया गया है. जब सर्वे के लिए रामपुर के गांवों के मौजा में ड्रोन कैमरा उड़ने लगा तो स्थानीय किसान सहित ग्रामीणों में काफी खुशी दिखी. हालांकि कुछ किसान इस बात को लेकर निराश भी दिखे कि उनकी जीविका के मुख्य साधन वाले खेत को सरकार अधिग्रहित कर लेगी. वही कुछ लोग इस बात को लेकर खुश दिखे कि उनके गांवों व क्षेत्र का विकास होगा.
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पहाड़ी क्षेत्र के विकास को मिलेगी गति
कैमूर के पहाड़ी क्षेत्र से गंगा एक्सप्रेस-वे के गुजरने से वहां निवास करने वाली आबादी को लाभ मिलेगा. व्यापार की दृष्टि से इस पथ को फायदेमंद बताया जा रहा है. सबार थाना क्षेत्र से जुड़े अधिकांश गांव के लोगों को खरीद-बिक्री करने व बीमार लोगों का इलाज कराने चेनारी जाना होता है. हालांकि पहले से भी पथ उपलब्ध है. लेकिन, कुछ ऐसे भी गांव है, जहां से ग्रामीणों को पैदल चलकर मुख्य सड़क पर आना पड़ता है. खैर, यह पथ जिले के विकास को गति देगा.किसानों ने बताया कि उनके जीविका वर्जन का मुख्य साधन खेती है. जब सरकार सड़क निर्माण के लिए उनके खेत को अधिग्रहित कर लेगी तब उन्हें कमाने-खाने का दूसरा जरिया ढूंढना होगा.
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