बिहार: फसल नुकसान मुआवजे का बदला ये नियम, क्षतिपूर्ति राशि के लिए अब ऐसे आवेदन
- बिहार कृषि विभाग की तरफ से यास तूफान से बर्बाद हुई फसलों की भरपाई के लिए राशि बांटने और आवेदनों की जांच करने का निर्णय एक साथ लिया गया है. कोरोना के चलते ही चांज प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. वही, अब किसान को खेत में तस्वीर लेने की जरुरत नहीं पड़ेगी. बल्कि इसकी बजाए कृषि समन्वयक को शपथ पत्र देना होगा

पटना. बिहार सरकार की ओर से यास तूफान से हुई फसल की बर्बाद की भरपाई के लिए राशि को बांटने और आवेदनों की जांच को साथ करने का फैसला लिया गया है. साथ ही कोरोना के चलते जांच की प्रकिया में भी कृषि विभाग ने बदलाव किया है. ऐसे में अब किसान की खेत में तस्वीर लेना जरुरी नहीं होगी. इसकी बजाए अब कृषि समन्वयक को शपथ पत्र देना होगा. राशि बांटने में तेजी हो इसके लिए कृषि विभाग ने पहले से ही जिलों से आपदा प्रबंधन एडीएम की लिस्ट तक मांगी है. एडीएम जब मुहर लगेंगे तभी राशि किसानों को मिलेगी. जांच के वक्त किसानों को पराली प्रबंधन के लिए भी प्रेरित तक किया जाएगा.
वहीं, बटाईदारों की जांच कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार एक साथ करेंगे. किसान भी आवेदन में गलती होने पर उसे 24 घंटे के अंदर सही कर सकते हैं. कृषि समन्वयकों को हर साल में बीस दिन में आवेदन की जांच करनी होगी. पास किए गए आवेदन के बीसवें दिन के अंदर ही जिला कृषि पदाधिकारी को भेज देंगे. जब तय वक्त में जांच नहीं हो पाएगी तो आवेदन खुद आगे चले जाएगा. ऐसे में आवेदन को सही माना जाएगा. डीएओ के लिए वही 7 दिन का वक्त तय किया गया है. जो भी इसमें लापरवाही बरतेगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यास तूफान से जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए किसानों को 100 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. 16 जिलों के 141 प्रखंडों के किसानों को यह राशि मिलेगी. इसके लिए किसान 12 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं. तूफान से किसानों की फसलों को 33 प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान हुआ है. विभाग की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 73085.77 हेक्टेयर जमीन में लगी फसल बर्बाद हुई है.
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