बिहार चुनाव: कांग्रेस की दिल्ली टीम पर जीत का सेहरा सजेगा या हार का ठीकरा फूटेगा

Smart News Team, Last updated: Sun, 8th Nov 2020, 12:10 PM IST
  • बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान पूरी तरह कमान कांग्रेस के दिल्ली नेताओं के पास रही. 10 नवंबर को आने वाले परिणाम इसका फैसला करेंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान पूरी तरह कमान कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के हाथों में रही.

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान पूरी तरह कमान कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के हाथों में रही. दिल्ली से आए नेताओं ने कांग्रेस का चुनाव प्रचार अपने हाथों में ऐसा लिया कि प्रदेश के नेताओं की टीम कहीं नहीं दिखी. ऐसे में जो भी परिणाम आते हैं तो वह राष्ट्रीय नेताओं को स्वीकार करना पड़ेगा. जीत का सेहरा जहां उनके मत्थे होगा तो वहीं हार का ठीकरा भी उनके ही ऊपर फूटेगा.

प्रदेश के नेताओं को पार्टी हाई कमान के पास दलील देने की कोई जरूरत नहीं होगी. बिहार कांग्रेस का यह पहला चुनाव रहा, जिसमें सिर्फ टिकट वितरण को लेकर प्रदेश के नेताओं की भूमिका रही. राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूरी तरह चुनाव प्रचार की कमान खुद संभाल रखी थी.

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सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी रोहन गुप्ता की थी. जबकि मीडिया प्रबंधन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा के पास थी. इस काम में कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रेमचंद्र मिश्रा को भी जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन वह बिना सुरजेवाला की मंजूरी के कोई बात मीडिया को नहीं बताते. इसकी पूरी व्यवस्था पार्टी की राष्ट्रीय टीम ने कर रखी थी.

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बिहार प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और विधायक दल के नेता चुनाव प्रचार के दौरान अपने क्षेत्र में ही सिमट गए. जब प्रत्याशियों के चयन की जिम्मेदारी प्रदेश की टीम को सौंपी गई तो वर्चस्व की लड़ाई उनके सामने आ गई. पार्टी मुख्यालय की तरफ से हर रोज नए वीडियो जारी किए जा रहे थे. नए-नए नारे भी गढ़े गए थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पार्टी के नेता कम बोलते थे. उनकी कोशिश रहती थी कि छोटी-छोटी फिल्मों के जरिए वह अपनी बात सामने वालों को बताए.

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