बिहार चुनाव: दिग्गज नेता अपने बेटा-बेटी के आगे भूले राजनीतिक विचार और धारा

Smart News Team, Last updated: Thu, 15th Oct 2020, 10:29 AM IST
  • पटना विधानसभा चुनाव में परिवारवाद ने एक नया मोड़ लिया है. कई दिग्गज नेताओं ने अपने बच्चों और परिवार के आगे विचारों को भुलाया. जिन पार्टियों और उनकी विचारधारा को थाम उन्होनें राजनीति में कदम बढ़ाया उन्हीं को भूल उनके बच्चे दूसरे दलों में शामिल हो रहे.
बिहार चुनाव में कई दिग्गज नेताओं ने परिवार के मोह के आगे अपना राजनीतिक विचार और धारा को भुला दिया है.

पटना. ब्रजेश. बिहार विधानसभा चुनाव में परिवारवाद का एक नया चेहरा उभर कर सामने आ रहा है जिसमें कई ऐसे दिग्गज हैं तो अपने परिवार को आगे बढ़ाने में अपने विचार और धारा भूल गए. इन दिग्गजों ने अपनी सियासी पारी कांग्रेस के खिलाफ शुरू की थी और अब उनकी अगली पीढ़ी कांग्रेस के साथ अपनी पारी खेलेगी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की पूरी राजनीति कांग्रेस के खिलाफ रही. देश के समाजवादी नेताओं में भी उनका बड़ा नाम है. जनता दल, लोकदल से लेकर जेडीयू में वह रहे और कांग्रेस की विचारधारा का लगातार विरोध करते रहे. वहीं उनकी बेटी सुभाषिनी ने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया है. वह बिहारीगंज से कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार बनकर चुनाव मैदान में उतर रही हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान का राजनीति में प्रवेश एनडीए में शामिल होने के साथ हुआ था. लोजपा के एनडीए में शामिल होने के बाद चिराग पासवान जमुई से साल 2014 और 2019 में एनडीए से सांसद बने थे. वहीं इस बार चिराग पासवान ने एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. चिराग के चाचा पशुपति कुमार पास और छोटे भाई प्रिंस राज भी एनडीए से ही सांसद हैं लेकिन बिहार चुनाव 2020 के लिए एनडीए के खिलाफ उतरने की तैयारी कर चुके हैं. 

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द प्लूरल्स पार्टी की प्रमुख पुष्पम प्रिया ने सभी 243 सीटों से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. वह अपनी पार्टी से मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं. उन्होनें साफ किया है कि ना पहले और ना चुनाव के बाद वह किसी पार्टी के साथ गठबंधन करेंगी. पुष्पम प्रिया के पिता विनोद कुमार चौधरी जेडीयू के पूर्व विधान पार्षद रहे हैं. 

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिंहा की राजनीति की शुरुआत बीजेपी का हाथ थामने के बाद हुई थी. वह पार्टी के स्टार प्रचारक रहे लेकिन जब चुनाव लड़ने की बात आई तो वह कांग्रेस के साथ हो लिए. लोकसभा 2019 का चुनाव उन्होनें कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और पत्नी ने लखनऊ से समाजवादी पार्टी का हाथ थाम चुनाव लड़ा. वहीं बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बेटे लव को वह बांकीपुर से कांग्रेस टिकट पर लड़ाने जा रहे हैं. 

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पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने हमेशा आरजेडी का साथ दिया. वह राजद का प्रमुख चेहरा ते. वहीं उनके बेटे सत्यप्रकाश सिंह ने जेडीयू का हाथ थाम लिया है. पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह लंबे समय तक जेडीयू में रहे लेकिन उनके बेटे अजय प्रताप बीजेपी का साथ छोड़ रालोसपा में जमुई से चुनाव लड़ रहे हैं. 

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