बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ा फर्जीवाड़ा, जहां टेंट तक नहीं लगे वहां का बिल दिया

Smart News Team, Last updated: Sun, 14th Feb 2021, 5:38 PM IST
  • बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में फर्जीवाड़े के जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया. इस घोटाले का उजागर तब हुआ जब विधानसभा चुनाव का बिल लोकसभा चुनाव की राशि से कई गुना ज्यादा निकला.
बिहार विधानसभा चुनाव में हुआ फर्जीवाड़ा आया सामने, जांच के लिए कमेटी का गठन

पटना. शैलेश कुमार सिंह.  बिहार विधनसभा चुनाव में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. जिसके जांच के आदेश पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने दे दिए हैं. यह मामला तब उजागर हुआ जब चुनाव करने वाली एजेंसियों ने चुनाव में खर्च हुए राशि का बिल जमा किया, क्योंकि ये बिल लोकसभा चुनाव में खर्च हुए राशि के कई गुना था. वहीं इस फर्जीवाड़े में एजेंसियों ने बिल में ऐसे जगहों के नाम दे जहां पर जवानों के टेंट वह पंडाल तक नहीं लगे थे. इतना ही नहीं फर्जीवाड़े कर तहत एजेंसियों ने बाइक के नम्बर को बस का नम्बर भी बिल में दे दिया. 

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 215 कंपनिया आईं थीं जिनपर 42 करोड़ का खर्च दिखाया गया है. जबकि लोकसभा चुनाव में 60 अर्धसैनिक की कंपनियां आईं थीं जिनपर 2 करोड़ 30 लाख रुपये खर्च हुए थे. विधानसभा चुनाव में खर्च हुई राशि लोकसभा चुनाव से कही ज्यादा है. जिसे देखते हुए बिल को सत्यापन करने वाली कमिटी पर भी आंच गिर सकती है. साथ ही इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी बनाई जा चुकी है. 

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डीएम चंद्रशेखर के निर्देश मिलने के बाद चुनाव करने वाली एजेंसियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है. जिसमे पटना के सिन्हा डेकोरेशन सामियाना घर और महावीर डेकोरेशन शामिल हैं. साथ ही अर्धसैनिक बलों के सैनिको के रहने, खाने-पिने की व्यवस्था को उप समाहर्ता राजेश कुमार और सार्जेंट मेजर ने संभाली थी. ये भी जांच के घेरे में आ सकते है. वहीं इस बार के विधानसभा चुनाव में बिहार के 6 जिलों में सबसे ज्यादा राशि खर्च की गई है. वे है गया, बांका, पूर्वी चंपारण, कैमूर, सीतामढ़ी और दरभंगा. वहीं खर्च के मामले में पटना का स्थान दसवा है.

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