बिहार बीजेपी की 2020 में बनी वोटर लिस्ट रद्द करने की मांग
- बिहार बीजेपी ने 2020 में बनी मतदाता सूची को रद्द करने की मांग की है. साल 2008 में हुए नए परिसीमन के आधार पर ही बूथ निर्धारण की भी मांग की है.

पटना: पंचायत चुनाव से पहले बिहार बीजेपी ने 2020 में बनी वोटर लिस्ट को जल्द से जल्द रद्द करने की मांग की है. इसके साथ ही साल 2008 में हुए नए परिसीमन के आधार पर ही बूथ का निर्धारण हो. इसके लिए बीएलओ और बीएलए की संयुक्त बैठक हो, जिसमें मुहल्ले और हाउस नंबर के ज़रिए वोटर्स को उनके घर के पास स्थित पोलिंग बूथ से जोड़ा जाए.
बुधवार को बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मिला. मुलाकात के दौरान राज्य में नई वोटर लिस्ट, मतदान केंद्र, फोटो पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने और मतदाता सूची में एक ही परिवार के नाम दो अलग-अलग मतदान केंद्र होने के कारण दिक्कतों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया. इस प्रतिनिधिमंडल में देवेश कुमार, डॉ. संजीव चौरसिया, राधिका रमण और अशोक भट्ट समेत अन्य लोग शामिल थे.
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ज्ञापन में कहा गया कि बिहार में वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण का काम अक्टूबर 2002 में हुआ और उसी समय केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदान केन्द्र की वार्ड और पंचायत के आधार पर चौहद्दी बनी. उसी आधार पर बीएलओ ने मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज किया.
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2008 में बिहार में नया परिसीमन बनने के बाद 2009 में लोकसभा और 2010 में विधान सभा का चुनाव हुआ. नए परिसीमन के बाद कई लोकसभा और विधान सभा क्षेत्र तो बदल गए लेकिन वोटर लिस्ट और फोटो पहचान पत्र नए नहीं बन पाए. बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण हुए करीब 19 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी वोटर लिस्ट में कई मृत लोगों और दूसरी जगह शिफ्ट हुए लोगों के नाम शामिल हैं.
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