CBSE के बाद बिहार बोर्ड का 30 प्रतिशत सिलेबस कम करने पर विचार, सरकार को प्रपोजल

Smart News Team, Last updated: Wed, 19th Aug 2020, 4:19 PM IST
  • सीबीएसई के बाद बिहार बोर्ड ने बच्चों के सिर से सिलेबस के बोझ को कम करने के लिए राज्य सरकार से विचार करने के लिए कहा. सीबीएसई समेत अन्य राज्य बोर्ड भी कोरोना काल में सिलेबस को कम कर चुके हैं.
बिहार बोर्ड ने सिलेबस 30 प्रतिशत कम करने पर सरकार को प्रपोजल दिया. 

कोरोना काल में बच्चों के सिर से सिलेबस के बोझ को कम करने के लिए सीबीएसई के बाद बिहार बोर्ड ने राज्य सरकार को सिलेबस कम करने का प्रपोजल दिया है. बिहार में बच्चे कोरोना महामारी और बाढ़ की दोहरी मार झेल रहे हैं जिसके बाद सभी बोर्ड्स ने सिलेबस कम करने के लिए कहा है.

स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग और अन्य अकादमिक डिपार्ट्मेंट्स ने उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. बिहार के युवा देश की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेते हैं. उनकी उच्च शिक्षा में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आए इस तरह से सिलेबस को डिजाइन किया जाएगा.

बिहार बोर्ड से पहले महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान बोर्ड ने कोरोना महामारी के कारण 30 प्रतिशत तक सिलेबस को कम किया है. शिक्षा विभाग के एडिशनल सेकेटरी गिरिवर दयाल सिंह ने कहा कि 30 प्रतिशत सिलेबस कम करने के लिए दिमागी तौर पर समझना होगा कि किस टॉपिक को हटाया जाए जो आगे जाकर बच्चों के लिए समस्या नहीं बने.  

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गिरिवर ने कहा कि बिहार में 41.4 प्रतिशतच लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं इसमें उनके लिए इंटरनेट और स्मार्ट फोन या लैपटॉप की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है. बिहार विधानसभा के चुनाव भी आने वाले हैं जो स्कूली शिक्षा पर प्रभाव डाल सकते हैं. 

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सीबीएसई ने सिलेबस को 30 प्रतिशत कम कर दिया है लेकिन वहीं शिक्षकों को कहा गया है कि उन टॉपिक्स को समझाया जाए जिससे आगे बच्चों को समस्या नहीं देखनी पड़े. 

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