केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और CM नीतीश 11 फरवरी को करेंगे मुंगेर गंगा पुल का उद्घाटन
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शुक्रवार, 11 फरवरी को बेगूसराय और खगड़िया को मुंगेर से जोड़ने वाली पुल ( सड़क व रेल मार्ग दोनों के लिए) का उद्घाटन करेंगे. इसी के साथ सालो बाद दोनों इलाकों से गुजरने वालों को गंगा नदी पर नाव यात्रा से मुक्ति मिल जाएगी.

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शुक्रवार, 11 फरवरी को बेगूसराय और खगड़िया को मुंगेर से जोड़ने वाली सड़क व रेल मार्ग दोनों के लिए बने ब्रिज का उद्घाटन करेंगे. इसी के साथ सालो बाद दोनों इलाकों से गुजरने वालों और स्थानीय लोगों को गंगा नदी पर नाव यात्रा से मुक्ति मिल जाएगी. मुंगेर ब्रिज पर एक साथ सड़क और रेल मार्ग के जरिए परिवहन की सुविधा मुहैया हो सकेगी. लोकार्पण के बाद इस ब्रिज से आम लोगों की आवाजाही हो सकेगी.
अब तक लोग बेगूसराय के साहबपुर कमाल और मुंगेर मंडल मुख्यालय के बीच से गुजरे गंगा नदी को पार करने के लिए नाव का सहारा लेते रहे हैं. लेकिन 11 फरवरी को मुंगेर ब्रिज का उद्घाटन हो जाने के बाद ये नाजार कम देखने को मिलेगा. बता दें कि इन दोनों जिलों के लोगों को इस पुल का लम्बे समय से इंतजार था.
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मुंगेर ब्रिज सड़क व रेल मार्ग पुल राजधानी पटना से करीब 168 किलोमीटर दूर स्थित है. इस पुल का निर्माण कार्य साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों शुरू कराया गया था. जो बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के नाम से जाना जाता रहा है. इस पुल के रेलवे मार्ग वाले हिस्से का उद्धघाटन मार्च 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाथों हुआ था.
डबल डेक वाली इस पुल के सड़क का मार्ग का हिस्सा 3.75 किलोमीटर के लंबी दूरी में बना है. दोनों तरफ अप्रोच का निर्माण पूरा न होने के कारण समय पर इसे शुरू नहीं किया जा सका. हाल के दिनों में मुंगेर ब्रिज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था, तभी टोपो लैंड के मुआवजे की राशि के भुगतान के कारण यह परियोजना धीमी हो गई थी. अक्टूबर 2021 में राज्य सरकार द्वारा आवंगटित किए गए विशेष पैकेज तहत मुआवजे की राशि के रूप में 57 करोड़ के दी गई थी. जिसके बाद डबल डेक वाली इस पुल का बचा हुआ कार्य समय से दूर किया जा सका.
बता दें कि सड़क मार्ग के न होने से बेगूसराय और खगड़िया के ग्रामीणों को मुंगेर आने-जाने के लिए नावों पर साइकिल और बाइक लादकर गंगा नदी की खतरनाक यात्रा करनी पड़ती थी. लोग जरूरी काम काम के लिए 55 किलोमीटर दूर मोकामा का राजेन्द्र पुल और 68 किलोमीटर दूर भागलपुर का विक्रमशिला पुल का सहारा लेते रहे हैं. वर्तमान में राजेंद्र सेतु को भारी वाहनों के लिये बंद किया गया है, जिसके कारण वाहनों को मुंगेर से बेगूसराय जाने के लिए भागलपुर से नवगछिया होते हुए जाना पड़ रहा था.
मुंगेर पुल से आवागमन चालू हो जाने के बाद विक्रमशिला सेतु पर दबाव कम हो जाएगा. एक हजार करोड़ की लागत से गंगा नदी पर बना ये सातवां पुल बेगूसराय में नेशनल हाईवे-31 को मुंगेर में नेशनल हाईवे-333 (ए) से होते हुए नेशनल हाईवे-33 से जोड़ेगा.
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