बिहार: कोरोना में ऑनलाइन शिक्षा से वंचित 5वीं तक के बच्चों को पढ़ाएंगे टोला सेवक
- यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के दौरान एक से पांचवीं तक के बच्चे कक्षाएं नहीं करते थे. क्योंकि बहुत से अभिभावकों के पास टीवी या स्मार्टफोन नहीं था. जिसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टोला सेवक द्वारा इन बच्चों को पढ़ाए जाने का फैसला लिया है.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए प्रदेश के एक से पांचवी तक के बच्चों को उनके ही पढ़ाने का निर्णय लिया है. कोरोना वायरस के दौर में वे बच्चे जो ऑनलाइन शिक्षा या दूरदर्शन द्वारा पढ़ाई से वंचित है उनके लिए बिहार सरकार ने एक नई योजना के तहत उन्हें पढ़ाने का निर्णय लिया है. अब प्रदेश के एक से पांचवी तक के बच्चों को उनकी ही टोला में शिक्षा सेवक (टोला सेवक) द्वारा पढ़ाया जाएगा. बच्चों के टोला में ही एक जगह शिक्षा के लिए निर्धारित कर दी जाएगी. जहां 25 बच्चों के समूह को एक साथ पढ़ाया जाएगा.
वहीं अब हर एक टोला में टोला सेवक की जिम्मेदारी होगी कि वह 25 बच्चों का एक समूह बनाएंगे. साथ ही खुली जगह जहां वे कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों को पढ़ा सके वैसी जगह चयनित करेंगे. इस वक्त प्रदेश भर में करीब 28 हजार टोला सेवक चयनित एम बिहार की स्कूलों के लिए. वहीं राज्य में एक करोड़ 20 लाख बच्चे नामांकित पहली से पांचवी तक के कक्षा में हैं. बता दें कि बिहार शिक्षा परियोजना ने इस संबंध में सभी जिलों के डीईओ को निर्देश दे दिया है. जानकारी के मुताबिक निर्देश मिलते ही जिला शिक्षा कार्यालय ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है. वहीं अगले सप्ताह से इन बच्चों की पढ़ाई उनके ही टोला में शुरू करने की तैयारी है.
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यूनिसेफ की रिपोर्ट पर बिहार सरकार का फैसला
मालूम हो कि कोरोना वायरस के दौर में ऑफलाइन कक्षाएं संचालित नहीं होने के कारण बिहार सरकार ने दूरदर्शन के जरिए ऑनलाइन क्लास संचालित करने का फैसला लिया था. लेकिन यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के दौरान छठी से बारहवीं तक के बच्चे मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय में क्लास करते थे. लेकिन एक से पांचवीं तक के बच्चे कक्षाएं नहीं करते थे. क्योंकि बहुत से अभिभावकों के पास टीवी या स्मार्टफोन नहीं था. जिसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टोला सेवक द्वारा इन बच्चों को पढ़ाए जाने का फैसला लिया है.
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पटना के डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान मनोज कुमार ने कहा, "दूरदर्शन के सामने बैठकर एक से पांचवीं तक के बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं उनके अभिभावक भी रुचि नहीं लेते हैं ऐसे में चुनाव हार बच्चों को इकट्ठा कर कक्षाएं चलाने का निर्देश दिया गया है इसकी तैयारी की जा रही है."
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