बिहार में जल्द होंगी शिक्षा विभाग के 45852 पदों पर नियुक्ति, कैबिनेट में मिली मंजूरी
- बिहार में प्राथमिक विद्यालयों में 40518 प्रधान शिक्षक और 5334 प्रधानाध्यापक पदों पर जल्द ही बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से नियुक्ति की जाएगी. इन पदों के सृजन और नियुक्ति को लेकर नीतीश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.

पटना. बिहार में अब प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पदों पर नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से होगी. इसको लेकर सरकार पहले घोषणा कर चुकी है, लेकिन अब इसको मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई है. जिसके बाद प्रदेश में 40518 प्रधान शिक्षक व 5334 प्रधानाध्यापक के पदों पर बीपीएससी नियुक्ति करेगा. इसको लेकर जल्द ही शिक्षा विभाग बीपीएससी को अधियाचना भेजेगा. जिसके बाद बीपीएससी इन पदों के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा.
आरक्षण के आधार पर पदों की गणना कर बीपीएससी को भेजा जाएगा
कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलने के बाद अब इन पदों को लेकर आरक्षण के आधार पर भी लिस्ट बनाई जा रही है ताकि इस आधार पर भी अभ्यर्थियों का चयन हो सके. इस संबंध में कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि प्रधान शिक्षक का संवर्ग जिला और प्रधानाध्यापक का संवर्ग प्रमंडल स्तरीय होगा. दोनों मं किसी पद पर यदि कोई नियोजित शिक्षक चयनित होंगे तो वो चयन के साथ नियोजन इकाई से बाहर हो जाएंगे. वे सीधे राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन होंगे. वहीं, उन्होंने बताया कि प्रधानाध्यपक के पद उन विद्यालयों के लिए बनाए गए हैं जिनकी स्थापना अभी हुई है. इन पदों की गणना भी जिलावार होगी.
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2 घंटे की परीक्षा, 150 अंक का होगा
प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापक दोनों पदों के लिए शिक्षकों को एक परीक्षा में शामिल होना होगा. उसमें पास होने के बाद ही चयन होगा. 2 घंटे की इस परीक्षा में 150 अंकों के कई लिखित प्रश्न होंगे. जिसमें वस्तुनिष्ठ व बहुविकल्पीय प्रश्न भी होंगे. वहीं, इसमें निगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान किया गया है.
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प्रधान शिक्षक के लिए 8 साल और प्रधानाध्यापक के लिए 20 साल का हो अनुभव
बीपीएससी द्वारा भरे जा रहे इन पदों में प्रधान शिक्षक पद के लिए नगर निकाय व पंचायती राज संस्थाओं में प्रारंभिक शिक्षा स्कूल में पढ़ाने का 8 साल का अनुभव होना अनिवार्य होगा. वहीं, प्रधाध्यापक पद के लिए नगर निकाय व पंचायती राज संस्थाओं में काम कर रहे माध्यमिक शिक्षकों को करीब 10 साल का अनुभव व उच्च माध्यमिक शिक्षक पद पर 8 साल की लगातार सेवा अनिवार्य होगी.
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