बिहार सरकार ने किया बड़ा बदलाव, अब जनता सीधे चुनेगी मेयर और डिप्टी मेयर

Ruchi Sharma, Last updated: Fri, 14th Jan 2022, 12:59 PM IST
  • बिहार सरकार ने फैसला लिया है कि इस साल होने वाले चुनाव में मेयर-डिप्टी मेयर और मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का चुनाव सीधे जनता के वोट से होगा. राज्य सरकार ने गुरुवार की देर शाम राज्य सरकार ने बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 अधिसूचित कर नगर निकायों में महापौर-उपामहापौर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन की नई प्रणाली लागू की है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (तस्वीर-साभार सोशल मीडिया )

पटना. बिहार में अब मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर होने वाले चुनाव में बड़ा बदलाव हुआ है. बिहार सरकार ने फैसला लिया है कि इस साल होने वाले चुनाव में मेयर-डिप्टी मेयर और मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का चुनाव सीधे जनता के वोट से होगा. राज्य सरकार ने गुरुवार की देर शाम राज्य सरकार ने बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 अधिसूचित कर नगर निकायों में महापौर-उपामहापौर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन की नई प्रणाली लागू की है. बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 की गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही नगर निकायों में महापौर-उपामहापौर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन की पुरानी प्रणाली समाप्त हो गई है.

जानकारी हो कि अभी तक नगर निकायों में महापौर-उपमहापौर वार्ड पार्षदों के बीच से ही चुने जाते थे. वार्ड पार्षदों के बहुमत से ही उन्हें हटाए जाने की व्यवस्था थी. आगे इन पदों पर बैठे व्यक्ति की मृत्यु, पदत्याग या बर्खास्तगी की स्थिति में बची हुई अवधि के लिए जनता के बीच से निर्वाचित व्यक्ति ही इन पदों को ग्रहण करेंगे.

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महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटा नहीं सकेंगे

वार्ड पार्षद महापौर-उपमहापौर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें बहुमत के आधार पर पद से हटा भी नहीं सकेंगे. राज्य सरकार विधानसभा के अगले सत्र में बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 को बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक के रूप में पेश करेगी, जो पारित होने के बाद बिहार नगरपालिका (संशोधन) अधिनियम-2022 जाएगा.

15 साल बाद हुआ संशोधन

नगर निकायों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन जनता के प्रत्यक्ष निर्वाचन की रीति से कराने के लिए बिहार नगरपालिक अधिनियम-2007 की धारा 23 और धारा 25 में संशोधन किया गया है. बिहार नगर पालिका कानून में 15 वर्षों के बाद संशोधन किया गया है. इसका असर बिहार के सभी 19 नगर निगम समेत 263 नगर निकायों पर पड़ेगा. इस साल अप्रैल से जून में शहरी निकायों में चुनाव हो सकते हैं. इसकी प्रक्रिया फरवरी से शुरू कर देनी होगी.

जानकारी हो कि प्रदेश में पटना, मुजफ्फऱपुर, भागलपुर, गया, बिहारशऱीफ, आरा, छपरा, पूर्णिया, सहरसा, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, बेतिया और सीवान नगर निगमों में शामिल हैं. बाकी शहरों में नगर परिषद या नगर पंचायत हैं.

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