बिन गुरु ज्ञानः स्कूल कक्षा एक से दसवीं तक की पढ़ाई एक शिक्षक के जिम्मे

Sumit Rajak, Last updated: Thu, 13th Jan 2022, 1:42 PM IST
  • बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी है. हरदासपुर प्रखंड का उच्च माध्यमिक विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है. एक शिक्षक के कंधे पर 217 छात्रों की पढ़ाई का बोझ है. विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई होती है. लेकिन स्कूल में एक ही शिक्षक सत्यानंद राम है.
बख्तियारपुर का हरदासपुर प्रखंड का उच्च माध्यमिक विद्यालय

पटना.बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी है. हरदासपुर प्रखंड का उच्च माध्यमिक विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है. एक शिक्षक के कंधे पर 217 छात्रों की पढ़ाई का बोझ है. विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई होती है. लेकिन स्कूल में एक ही शिक्षक सत्यानंद राम है. सभी विषयों की पढ़ाई इन्हीं के कंधों पर है. शिक्षकों की कमी की वजह से स्कूल में प्राय: ताला लटका रहता है. 

प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर दियारा क्षेत्र में अवस्थित इस विद्यालय में 217 छात्र नामांकित है. जिसमें 17 छात्र मैट्रिक की परीक्षा देने वाले हैं. विद्यालय पहले मिडिल स्कूल था, जिसे वर्ष 2020 में अपग्रेड कर हाई स्कूल का दर्जा दे दिया गया. स्कूल को अपग्रेड तो कर दिया गया. लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई. एक ही शिक्षक के भरोसे दसवीं तक की पढ़ाई हो रही है. 

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शिक्षक सत्यानंद राम ने बताया कि शिक्षकों की कमी के बारे में विभाग को पत्र भेजा गया है. आश्वासन के बजाय कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. गांव के मुखिया मनोज ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का भी ध्यान आकृष्ट कराया गया है. बावजूद स्कूल में शिक्षक की कमी को पूरी नहीं की जा सकती है. शिक्षकों के बिना पढ़ाई बाधित हो रही है.

उन्होंने कहा कि इस ठंड के मौसम में बच्चों की उपस्थिति कम नहीं होती है. अकेले रहने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों की पढ़ाई के साथ - साथ स्कूल के हिसाब भी रखना पड़ता है. यह हाल सभी एक शिक्षकीय विद्यालय की है. ऐसे में बच्चों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना करना बेईमानी होगा. शिक्षा विभाग को चाहिए कि शिक्षकों की कमी को पूर्ण करें. जिन विद्यालय में एक शिक्षक कार्य कर रहे हैं.

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