कोरोना काल में कालाबाजारी और मनमानी करने वालों पर नीतीश सरकार सख्त

Smart News Team, Last updated: Sun, 9th May 2021, 10:42 PM IST
  • सीटी स्कैन करने वालों की प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर में सीटी स्कैन करने वाले अपनी मर्जी के हिसाब से दम तय कर रहें हैं, वो सरकार के किसी भी नियमों का पालन नहीं कर रहें हैं. सरकार ने ये अब ये सुनिश्चित किया है की अगर ऐसी कालाबाजारी कोई भी करता है तो उसे बख्शा नहीं जायेगा.
कोरोना काल में कालाबाजारी और मनमानी करने वालों पर नीतीश सरकार सख्त

पटना: कोरोना महामारी के बीच समाज के शरारती तत्वों ने आपदा में अवसर तलाश लिया है, कई जगह मेडिसिन की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है, तो कई जगह ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर रेमडिसिविर की ब्लैक के मार्केटिंग तक कर रहें हैं. हालात इतने खराब हैं की सरकार द्वारा प्राइवेट एंबुलेंस का दाम तय करने के बाद भी वो अपनी मनमानी और मर्जी से वसूल रहें हैं. वही हालत है सीटी स्कैन करने वालों की प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर में सीटी स्कैन करने वाले अपनी मर्जी के हिसाब से दम तय कर रहें हैं, वो सरकार के किसी भी नियमों का पालन नहीं कर रहें हैं. सरकार ने ये अब ये सुनिश्चित किया है की अगर ऐसी कालाबाजारी कोई भी करता है तो उसे बख्शा नहीं जायेगा.

कोरोना जांच के लिए एचआसीटी यानि हाई रिज्यॉलूशन चेस्ट स्कैन के लिए अधिकतम 3000 रुपए शुल्क का निर्धारण किया गया है. इसमें दो तरह की दर निर्धारित की गई हैं. जिसमें पहला सिंगल स्लाइस सीटी मशीन से जांच पर अधिकतम 2500 रुपए और मल्टी स्लाइस सीटी मशीन से जांच कराने पर अधिकतम 3000 रुपए शुल्क ही लिया जा सकता है. हालांकि सीटी जांच में अभी ज्यादातर सिंगल स्लाइस सीटी मशीन से ही जांच की जा रही है.

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सीटी स्कैन में अधिकतम 3000 की राशि सभी शुल्क व अन्य मदों में खर्च को मिलाकर की गई है. यानि इस शुल्क में जीएसटी, पीपीई कीट, फिल्म, रिपोर्ट, सेनिटाइजेशन सहित अन्य मद भी शामिल हैं. स्वास्थ्य निदेशक डॉ. नवीनचंद्र प्रसाद ने सीएस को पत्र जारी करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी हाल में कोविड के मरीजों से सीटी स्कैन के लिए इससे अधिक शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए.

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इस तरह की कोई शिकायत यदि जिले से आती है तो संबंधित जांच घर या पैथोलॉजिक सेंटर को सील करते हुए उनके लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. वहीं संचालक पर वैधानिक कार्रवाई भी करने का निर्देश दिया गया है. इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर बिहार महामारी एक्ट व कोविड-19 रेगुलेशन एक्ट 2021 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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