रियलिटी चेक सर्वे: नीतीश की हर घर नल का जल योजना की 100 में 41 स्कीम पानी-पानी

Smart News Team, Last updated: Fri, 4th Dec 2020, 9:29 PM IST
  • बिहार में सीएम नीतीश कुमार सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर नल का जल योजना का पीएचईडी विभाग के द्वारा कराए गए रियलिटी चेक में 100 में 41 प्रोजेक्ट आंशिक या पूरी तरह नाकाम मिले हैं. सरकार ने जिलों के डीएम को एक सप्ताह में गड़बड़ी दूर करने और ठेकेदार पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया है.
विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने सभी विधायकों से हर घर नल का जल स्कीम योजना के काम में किसी भी तरह की दिक्कत की शिकायत उन तक पहुंचाने की अपील की थी ताकि उसे ठीक कराया जा सके. (फोटो क्रेडिट- PHED वेबसाइट)

पटना, सुभाष पाठक

बिहार में एक बार फिर से एनडीए सरकार चला रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी परियोजना हर घर नल का जल योजना की सरकारी रियलिटी चेक में 41 परसेंट प्रोजेक्ट खराब निकले हैं. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण डिपार्टमेंट यानी पीएचईडी ने योजना की ग्राउंड रियलिटी का जायजा लेने के लिए सर्वे किया था जिसमें 41 परसेंट जलापूर्ति प्रोजेक्ट पूरी तरह या आंशिक रूप से नाकाम मिले. 

सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में विधायकों से कहा था कि वो हर घर नल का जल स्कीम में किसी भी तरह की धांधली, गड़बड़ी और दिक्कत के मामले उन्हें बताएं ताकि वो उसे ठीक करा सकें. नीतीश कुमार ने कहा था कि राज्य के 89 परसेंट घर को जलापूर्ति पाइपलाइन से जोड़े जा चुके हैं. विधानसभा में विधायकों से सीएम की इस खुली अपील के बाद पीएचईडी अधिकारी एक्शन में आए और खुद ही अब तक बिछाई गई पाइपलाइन का हाल-चाल लेने के सर्वेक्षण में उतर गए.

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बिहार के 38 जिलों में से 28 जिलों के डीएम ने हर घर नल का जल स्कीम की सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है. इन 28 जिलों में 2954 प्रोजेक्ट की जांच की गई है जिसमें 186 अधूरे मिले. 279 प्रोजेक्ट नाकाम मिले. 562 प्रोजेक्ट में मामूली दिक्कतें मिलीं लेकिन 189 में गहरी समस्या दिखीं. सर्वे में 1952 प्रोजेक्ट ऐसे मिले जो बिना किसी शिकायत और दिक्कत के बढ़िया से काम कर रहे थे.

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पीएचईडी सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने हालांकि इस डाटा पर सवाल उठाया और कहा कि डाटा का गलत मतलब निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि सिर्फ पूरे हो चुके प्रोजेक्ट की जांच करनी थी लेकिन अधूरे काम को भी सर्वे में शामिल कर लिया गया. सचिव ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि 2640 स्कीम की जांच की गई है जिसमें 2604 चालू हालत में मिले हैं. उन्होंने कहा कि सभी जिलों के डीएम को कहा गया है कि वो छोटी से बड़ी दिक्कतों को एक सप्ताह के भीतर ठीक करवाएं और संबंधित ठेकेदार पर उचित जुर्माना लगाएं.

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सर्वे में सबसे ज्यादा अधूरे प्रोजेक्ट खगड़िया जिला में मिले जिनकी संख्या 49 बताई गई है. जिले में 231 प्रोजेक्ट की जांच गई थी. सबसे ज्यादा मामूली दिक्कत पूर्णिया जिले में मिली जहां 144 ऐसी शिकायतें मिलीं. किशनगंज जिला में सबसे ज्यादा गंभीर दिक्कत के सबसे ज्यादा 82 मामले सामने आए. विधानसभा में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ी लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने योजना में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.

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राज्य सरकार ने हर घर नल का जल स्कीम के लिए पीएचईडी को 4310 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है जिससे 56079 वार्ड में सारे घरों को इस वित्त वर्ष की समाप्ति तक टैप वाटर सप्लाई से जोड़ने का लक्ष्य है. अधिकारियों का कहना है कि 49000 वार्ड कवर किए जा चुके हैं और बाकी पर भी तेजी से काम चल रहा है.

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