मोदी से मिलने को लिखी नीतीश की चिट्ठी पहुंची, PMO से पावती आ गई, बुलावा नहीं आया

Smart News Team, Last updated: Sat, 14th Aug 2021, 1:02 PM IST
  • बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मुलाकात का समय मांगा था. अब सीएम नीतीश का पत्र पीएम मोदी ऑफिस पहुंच गया है. वहीं पीएम मोदी को लिखे गए पत्र का एक्नॉलेजमेंट यानी पावती सीएम नीतीश को मिल गई है. हालांकि उन्हें अभी बुलावे का इंतजार है.
बिहार सीएम नीतीश कुमार की जातीय जनगणना मुद्दे पर पीएम मोदी से जल्द हो सकती है मुलाकात (प्रीताकात्मक फोटो)

पटना. बिहार की राजनीति में जातीय जनगणना के मुद्दे पर आए दिना पक्ष-विपक्ष के बयान आते रहते हैं. इसी बीच एक ऐसी खबर आई है कि जो जातीय जनगणना के मुद्दे को सुलझा सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर बात करने के लिए मुलाकात का समय मांगा था और इस मुलाकात के लिए एक पत्र लिखा था. सीएम नीतीश कुमार का लिखा हुआ पत्र चार अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय को प्राप्त हुआ था. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र का एक्नॉलेजमेंट प्राप्त हो चुका है और जल्द ही इस मामले को लेकर मुलाकात हो सकती है. उन्हें अपनी चिट्ठी की पावती तो मिल गई लेकिन अभी उन्हें पीएम मोदी से मिलने के लिए बुलावे का इंतजार है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस लिखे गए पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा था. बता दें बिहार की राजनीति में इस समय जातीय जनगणना का मुद्दा काफी चर्चित है. इस मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष दोनों की एक ही राय है. कुछ दिन पहले जातियों की गणना कराने के लिए बिहार सरकार का नेतृत्व कर रही जेडीयू और मुख्य विपक्षी आरजेडी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का प्लान बनाया था.

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हाल ही में राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी बयान दिया था कि पीएम मोदी ने सीएम नीतीश कुमार को जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर चर्चा के लिए समय नहीं देकर उनका अपमान किया है. इसके साथ ही तेजस्वी ने कहा था कि जातिगत जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री ने 4 तारीख को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से समय मांगा था लेकिन अभी तक कोई समय नहीं मिला है. कुछ दिन पहले राजद नेताओं ने जातिगत जनगणना को लेकर प्रदेश भर में पैदल यात्रा निकाली थी. हालांकि सीएम नीतीश ने साफ कह दिया था कि अगर केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराती है तो प्रदेश में जातीय जनगणना के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे.

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