सावधानः बिहार के साइबर अपराधी फर्जी नाम- पते पर खरीद रहे ई- वैलेट, कई लोगों को लगाया चूना
- बिहार के साइबर अपराधी फर्जी नाम- पते पर ई- वैलेट खरीद रहे हैं. यह पुरा खेल फर्जी तरीके से लिए गये सिमकार्ड के चल रहे है. दरअसल , कोलकाता पुलिस ने हाल ही में एक गैंग को पकड़ा है, जो बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों के साइबर अपराधियों को दूसरे के नाम-पते पर लिए गये सिमकार्ड मुहैया करवाता था.
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पटना. बिहार के साइबर अपराधी फर्जी नाम- पते पर ई- वैलेट खरीद रहे हैं. यह पुरा खेल फर्जी तरीके से लिए गये सिमकार्ड के चल रहे है. दरअसल , कोलकाता पुलिस ने हाल ही में एक गैंग को पकड़ा है, जो बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों के साइबर अपराधियों को दूसरे के नाम-पते पर लिए गये सिमकार्ड मुहैया करवाता था. इस सिमकार्ड के जरिये फर्जी ई- वैलेट साइबर अपराधी बनाते हैं. किसी के खाते से रकम उड़ाने के बाद उस रुपये को इन्हीं ई- वैलेट में ट्रांसफर किया जाता है.
ई- वैलट दूसरे के नाम-पते पर लिये गये मोबाइल नंबर से बनता है. लिहाजा पुलिस कभी भी असली साइबर अपराधी तक नहीं पहुंच पाती. कोलकाता में दूसरे के नाम-पते पर सिम कार्ड दिलवाने वाला एक बड़ा गैंग सक्रिय था, जिसके 7 सदस्य हाल ही में पकड़े गए थे. इन सभी ने यह खुलासा किया था कि पटना, नालंदा समेत रांची, जामताड़ा और अन्य जगहों पर ये लोग साइबर अपराधियों को सिम कार्ड दिलवाते थे. हाल ही में पत्रकारनगर पुलिस ने भी एक गैंग को पकड़ा था जो कोलकाता से सिम कार्ड खरीदा था.
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क्या होता है ई-वैलेट
यह एक डिजिटल बटुआ है. इसके द्वारा इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पैसे का लेनदेन किया जा सकता है. इसी डिजिटल वॉलेट के नाम से भी जाना जाता है. इसका ज्यादातर इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए किया जाता है.
ऐसे निकलते हैं फर्जी सिम कार्ड
जब कोई सिम कार्ड खरीदने जाता है तो शातिर धोखे से उसके अंगूठे का दो से तीन बार थब इंप्रेस ले लेते हैं. इसके बाद उसके आधार कार्ड की फोटो कॉपी ले ली जाती है. फिर तीन-चार फोटो लेकर सामने वाले व्यक्ति के नाम से तीन से चार सिम कार्ड निकालने जाते हैं.
साइबर एक्सपेक्ट दीपक कुमार ने बताया TAFCOP वेबसाइट के जरिए आसानी से यह पता लगाया जा सकता है कि आप के आधार कार्ड पर अब तक कितने सिम कार्ड किए जा चुके हैं. सबसे पहले अपने आधार से लिंक्ड मोबाइल सिम के बारे में जानने के लिए आपको सबसे पहले https://tafcop.dgtelcom.gov.in/ पर जाना होगा. यहां अपना फोन नंबर डालनी होगी. इसके बाद आपको k Request OTPI बटन पर क्लिक करना होगा. फिर आपको अपने मोबाइल नंबर पर आए हुए ओटीपी को डालना होगा. आपके आधार नंबर से जुड़े नंबर सभी वेबसाइट पर दिखने लगेंगे. यूजर उन नंबरों को ब्लॉक कर सकते हैं जो उनके उपयोग में नहीं है या जिनकी अब आवश्यकता नहीं है.
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